झुमरीतिलैया. शहर के देवी मंडप बंगाली मोहल्ला में देवी मंडप यज्ञ समिति द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन नरसिंह भगवान के प्राकट्य और हिरण्य कश्यप वध की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया गया़ इस अवसर पर भगवान की भव्य झांकी प्रस्तुत की गयी, जिसे देख भक्त मंत्रमुग्ध हो गये. मौके पर प्रवचनकर्ता स्वामी ओम नारायणाचार्य ने नरसिंह भगवान के जन्म की कथा सुनायी. उन्होंने बताया कि कैसे भगवान नरसिंह ने हिरण्यकश्यप का वध कर भक्त प्रह्लाद की रक्षा की और यह सिद्ध किया कि भगवान कण-कण में व्याप्त हैं. उन्होंने कहा कि यह कथा हमें अहंकार त्यागने और भगवान की शरण में जाने का संदेश देती है़ स्वामी जी ने कहा कि ध्रुव जी को भगवान ने अचल स्थान प्रदान किया, जो आज भी उत्तर दिशा में स्थित है, जबकि अन्य ग्रह-नक्षत्र घूमते रहते हैं. भगवान नरसिंह की कथा के दौरान 52 गज के दामन उत्सव का आयोजन विशेष आकर्षण का केंद्र रहा़ आयोजकों ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा प्रतिदिन दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक हो रहा है. कथा के बाद श्रद्धालुओं के बीच भोग-प्रसाद का वितरण किया जाता है़ यज्ञ का समापन 10 दिसंबर को पूर्णाहुति और महाप्रसाद वितरण के साथ होगा.
धार्मिक आयोजन में अनुशासन और समर्पण की सराहना
स्वामी ओमनारायणाचार्य ने झुमरीतिलैया शहर की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां के लोग अनुशासनप्रिय और धार्मिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. इस शहर के लोग सरल हृदय के हैं और महिलाओं का शांतिपूर्ण मंडली में कथा सुनना अद्भुत है़ स्वामी जी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर अपनी चिंता व्यक्त की़ उन्होंने कहा कि यह समस्या नयी नहीं है़ उन्होंने कट्टरपंथियों को इसका जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह एक गंभीर समस्या है, जिसका समाधान निकट भविष्य में होता नहीं दिख रहा है़
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