Jharsuguda News: कोलाबीरा के किसानों की फसल सुरक्षित रखी जा सके, इस उद्देश्य से स्थानीय कृषि कार्यालय के पास रेगुलेटरी मार्केट कमेटी (आरएमसी) का मार्केट यार्ड बनाने के लिए सरकार ने छह साल पहले दो एकड़ जमीन उपलब्ध करायी थी. मार्केट यार्ड के निर्माण का जिम्मा पीडब्ल्यूडी विभाग को सौंपा गया था. कोलाबीरा के राजस्व कर्मचारी, आरएमसी अधिकारी, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी व ठेकेदार की उपस्थिति में जमीन की पहचान के बाद मार्केट शेड व खुले प्लेटफॉर्म का निर्माण किया गया था.
रैयती जमीन पर निर्माण का किया गया था विरोध
यह निर्माण जब चल रहा था, तभी आरएमसी को दी गयी जमीन के बगल में स्थित जमीन के मालिक ने निर्माणकार्य का विरोध किया था. उसकी 12 डिसमिल रैयती जमीन पर एक शेड का निर्माण किया गया था. इसके बाद निर्माण कार्य बंद कराया गया. वहीं दूसरी ओर एक शेड व चार प्लेटफॉर्म का काम पूरा हो गया है. अब इस आधे-अधूरे मार्केट यार्ड को लेकर राजस्व विभाग, पीडब्ल्यूडी व आरएमसी के कर्मचारी व अधिकारी एक दूसरे पर दोषरोपण करने में लगे हैं. इस बीच छह वर्ष बीत गये मगर उक्त समस्या का समाधान नहीं हो पाया है और इससे सबसे अधिक नुकसान अंचल के किसानों को हो रहा है. इस ब्लॉक में मार्केट यार्ड व गोदाम नहीं होने से किसानों को कड़ी मेहनत से उगाये गये धान व अन्य उत्पाद को सुरक्षित रखने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिससे किसानों में असंतोष बढ़ रहा है.
किसानों ने प्रशासनिक उदासीनता को ठहराया जिम्मेदार
अंचल के किसानों ने इसके लिए प्रशासन की उदासीनता को जिम्मेदार बताया है. किसान नेता समरेंद्र राय ने इस मामले में जिलाधीश से हस्तक्षेप करने के साथ ही मार्केट यार्ड को शीघ्र कार्यक्षम कराने की मांग की है. जिलाधीश अबोली सुनील नरवाणे ने उन्हें अश्वासन दिया है कि वे जल्द ही इस पर आवश्यक कदम उठायेंगी. वहीं आरएमसी के सचिव रमेश चंद्र टोप्पो से बात करने पर उन्होंने कहा कि उक्त समस्या के समाधान के लिए प्रयास किया जा रहा है. साथ ही जिस रैयती जमीन में शेड का निर्माण हुआ है, उसके अधिग्रहण के लिए पत्र लिखा गया है. सरकार की मंजूरी मिलते ही जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है