धनबाद.
बीसीसीएल ने कोयला उत्पादन के लिए विभिन्न आउटसोर्सिंग कंपनियों को कई पैच (परियोजनाएं) आवंटित की हैं. इन कंपनियों के लिए उत्पादन के मानक तय हैं. कायदे-कानून भी बनाये गये हैं. लेकिन चालू वित्तीय वर्ष में बीसीसीएल की 12 आउटसोर्सिंग पैच से लक्ष्य का आधा भी कोयला उत्पादन नहीं हो पा रहा है. 12 में से तीन पैच को छोड़ दें तो अन्य नौ पैच से लक्ष्य का छह फीसद भी कोयला उत्पादन नहीं हो पा रहा है. इनमें से पांच आउटसोर्सिंग पैच से तो कोयले का उत्पादन शून्य है. 12 आउटसोर्सिंग पैच से लक्ष्य का महज 12.43 फीसदी ही कोयला उत्पादन हुआ है. बीसीसीएल के आंकड़ों पर गौर करें तो उक्त 12 आउटसोर्सिंग पैच से वित्त वर्ष 2024-25 में 3800 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है. चालू वित्त वर्ष के अगस्त माह तक यानी 31 अगस्त तक कुल 1328.5 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य था, इसके विरुद्ध मात्र 165.2 लाख टन ही कोयला उत्पादन हुआ. बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता ने उक्त सभी आउटसोर्सिंग कंपनियों व संबंधित अधिकारियों को हर हाल में प्रदर्शन में सुधार के निर्देश दिये हैं, अन्यथा कार्रवाई की चेतावनी दी है.इन आउटसोर्सिंग पैच से उत्पादन शून्य
बीसीसीएल की जिन पांच आउटसोर्सिंग पैच से कोयले का उत्पादन शून्य है, उनमें बरोरा एरिया में स्थित एएमपीसी, बरवाबेड़ा पैच, सिजुआ एरिया की कनकनी पैच-डी, इजे एरिया की भौंरा (एन) मेगा पैच व एएसपी फायर पैच के साथ सीबी एरिया स्थित सबानपुर पैच शामिल हैं.कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति
माइनिंग के जानकारों व एनआइटी की शर्त के अनुसार, लक्ष्य के मुताबिक कोयला उत्पादन नहीं करने पर संबंधित आउटसोर्सिंग कंपनी पर कार्रवाई का प्रावधान है. पेनाल्टी लगाने के साथ काम से ठेका कंपनी को टर्मिनेट करने व ब्लैक लिस्टेड करने का भी प्रावधान है. परंतु विभिन्न तरह के हिंडरेंस (बाधा) दिखाकर आउटसोर्सिंग कंपनियां कार्रवाई से बच जाती हैं. बीसीसीएल में संचालित आउटसोर्सिंग कंपनियों पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. इसमें ठेका कंपनी व कोयला अधिकारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है