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कटराकलां के ऐतिहासिक पोखरा के सौंदर्यीकरण के लिए एनओसी मिलना तय

कटराकलां के ब्रिटिश कालीन ऐतिहासिक पोखरा के सौंदर्यीकरण के साथ शेष भूमि पर पक्का घाट निर्माण के लिए एनओसी का रास्ता भी लगभग साफ हो गया है,

मोहनिया सदर. कटराकलां के ब्रिटिश कालीन ऐतिहासिक पोखरा के सौंदर्यीकरण के साथ शेष भूमि पर पक्का घाट निर्माण के लिए एनओसी का रास्ता भी लगभग साफ हो गया है, क्योंकि इसे लेकर शनिवार की सुबह मत्स्य व पशुपालन विभाग की प्रधान सचिव डाॅ एन विजयलक्ष्मी के आदेश पर मत्स्य पटना परिक्षेत्र के उपनिदेशक आभाष चंद्र मंडल व मत्स्य कोषांग पटना के प्रभारी निदेशक डाॅ टुनटुन सिंह ने कटराकलां पहुंचकर पोखरा का निरीक्षण किया. वहीं, आपके अपने समाचार पत्र प्रभात खबर ने ब्रिटिशकालीन ऐतिहासिक पोखरे की बदहाल स्थिति को लेकर रविवार 09 जून 2024 को कटराकलां का ऐतिहासिक पोखरा एनओसी के पेच में बन रहा कूड़ादान नामक शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो खबर जिस दिन प्रकाशित हुई उस दिन अवकाश था, इसके बावजूद खबर छपते ही ऐतिहासिक पोखरा को कूड़ादान बनने से कैसे बचाया जाये, इस पर जिले के वरीय अधिकारियों व प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के बीच मंथन का दौर पूरे दिन चला. इतना ही नहीं इस की जानकारी होने पर सूबे की राजधानी पटना में बैठे विभाग के उच्चाधिकारियों ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया, जिसके आलोक में तत्कालीन जिला मत्स्य पदाधिकारी शिवशंकर चौधरी के निर्देश पर 12 जून 2024 को मत्स्य प्रसार पदाधिकारी अभय गुप्ता द्वारा कटराकलां पहुंचकर पोखरा की स्थिति का जायजा लिया गया. जबकि, जांच के दौरान उन्होंने भी माना कि मंदिर की बगल पोखरा का वह भाग जहां पक्का घाट नहीं बना हुआ है कुछ लोग पोखरा में अपने घरों का कूड़ा करकट डाल रहे हैं, साथ ही निरीक्षण के बाद कहा कि इस ऐतिहासिक पोखरा को संजोये रखने के लिए इसका सौंदर्यीकरण बहुत जरूरी है. हम इसकी रिपोर्ट जिला मत्स्य पदाधिकारी को देंगे, जिसके बाद प्रभात खबर ने 13 जून 2024 को कटराकलां पोखरा के सौंदर्यीकरण की कवायद तेज, जांच के लिए पहुंचे अफसर नामक शीर्षक से खबर को प्रकाशित किया था. उस समय के जिला मत्स्य पदाधिकारी शिवशंकर चौधरी ने भी कहा था कि कटराकलां के ऐतिहासिक पोखरा की खबर को प्रभात खबर ने प्रकाशित किया था, जिसके आलोक में प्रशासन द्वारा संज्ञान लिया गया है. एनओसी देना हमारे अधिकार क्षेत्र में अब नहीं रहा, हम डीएम साहब के माध्यम से विभाग को इसके लिए पत्र लिखेंगे. जैसे ही विभाग द्वारा एनओसी दिया जायेगा, ग्राम पंचायत या पंचायत समिति मद से पोखरा का सौंदर्यीकरण कराया जायेगा. प्रभात खबर की पहल पर जैसे ही प्रशासनिक पदाधिकारी सक्रिय हुए व जांच के लिए गांव पहुंचे तो ग्रामीणों में यह आस जाग उठी कि अंग्रेजी हुकूमत में जब इस पोखरा का निर्माण कराया गया था, तभी से हमारे पूर्वजों ने इसे धरोहर के रूप में संजोये रखा था, लेकिन इधर कुछ वर्ष से कुछ लोगों ने इसमें घरों का कूड़ा कचरा डालना शुरु कर दिया है. यदि पोखरा में 40 फुट लंबा पक्का घाट बनवा दिया गया तो पोखरा पूरी तरह सुरक्षित हो जायेगा. # बोले उप निदेशक इस संबंध में पूछे जाने पर पोखरा की जांच करने आये उपनिदेशक मत्स्य पटना परिक्षेत्र आभाष चंद्र मंडल ने कहा कि अपर मुख्य सचिव के आदेश पर जांच करने आये है. लगभग 70 फुट पक्का घाट के निर्माण की आवश्यकता है, लगभग इसका एनओसी मिलना तय है. # बोले जिला मत्स्य पदाधिकारी इस संबंध में पूछे जाने पर जिला मत्स्य पदाधिकारी भारतेंदु जायसवाल ने कहा कि प्रभात खबर में खबर प्रकाशित हुई थी, जिसके आलोक में विभाग को पत्र लिखा गया था. इसको लेकर उप निदेशक द्वारा निरीक्षण किया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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