संवाददाता, देवघर : बमबम बाबा आश्रम में आयोजित नौ दिवसीय भागवत कथा में कथावाचक सुधीर मिश्रा के कथा सुन भक्त भाव विभोर हो रहे हैं. शनिवार को कथावाचक ने कहा कि भगवान श्री कृष्णा को ज्ञात हो गया था कि वह धरती पर अवतरित हुए हैं, फिर भी वह अपने माता-पिता के चरणों को प्रणाम करने में कभी संकोच नहीं करते थे. श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से कथावाचक ने पहले धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की महत्ता के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि जब-जब धरती पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ा है, तब प्रभु का अवतार हुआ है. प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है. जब राजा कंस का अत्याचार बढ़ा, तो भगवान श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिये. इसी प्रकार त्रेता युग में लंकापति रावण के अत्याचार बढ़ने पर भगवान राम ने रूप में जन्म लिये.
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