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साक्षी का बयान लिये बगैर भेज दिया आरोप पत्र

कोर्ट ने थानाध्यक्ष को भेजा शो-कॉज नोटिस

जमुई. जमीन विवाद में मारपीट के एक मामले में झाझा पुलिस ने घटना के साक्षी का बयान लिये बगैर कांड में आरोप पत्र समर्पित कर दिया. ना तो अनुसंधानकर्ता ने वाद के दौरान मारपीट में जख्मी का बयान लिया और ना ही अन्य नियमों का अनुपालन किया गया. इस मामले में जिला अपर एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय ने झाझा थानाध्यक्ष व कांड के अनुसंधानकर्ता के खिलाफ शाे-कॉज नोटिस जारी किया है. इसमें यह कहा गया है कि झाझा थाना कांड संख्या 285/24 में जख्मी साक्षियों का बयान लिये बगैर 30 सितंबर को आरोप पत्र संख्या 419/2024 समर्पित कर दिया गया है. न्यायालय के अभिलेख में उपलब्ध कांड दैनिकी के अवलोकन से स्पष्ट है कि वाद के जख्मी का बयान अनुसंधानकर्ता ने नहीं लिया है.

14 दिन के अंदर सदेह उपस्थित होने का निर्देश

न्यायालय ने इस मामले में झाझा थानाध्यक्ष संजय कुमार व कांड के अनुसंधानकर्ता नंदकिशोर सिंह को 14 दिनों के अंदर न्यायालय में सदेह उपस्थित होकर अपने प्रतिवेदन के साथ कारण स्पष्ट करने को कहा है. कोर्ट ने पूछा है कि आखिर किस परिस्थिति में वाद के जख्मियों का बयान नहीं लिया गया और ना ही अन्य प्रक्रियाओं का सही तरीके से अनुपालन किया गया है. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देशित किया है कि वाद के प्राथमिक अभियुक्त मोइनुद्दीन उर्फ मोइनुद्दीन अंसारी, जमशेद उर्फ मो जमशेद अंसारी दोनों पिता सरफुद्दीन अंसारी, कलीम उर्फ मो कलीम अंसारी व तस्लीम उर्फ मो तस्लीम अंसारी दोनों पिता समीद मियां के विरुद्ध 20 दिसंबर तक कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं कि जाये, उन्हें गिरफ्तार ना किया जाये.

जमीन विवाद से जुड़ा है पूरा मामला

बताते चले कि झाझा थाना क्षेत्र के बुधनेर निवासी मो मुर्शीद ने नौ जुलाई को जमीन विवाद में मारपीट को लेकर झाझा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसमें बताया था कि उसकी जमीन पर न्यायालय में टाइटल चल रहा था. इसमें डिग्री हो जाने के बाद मैं तथा मेरे घर के लोग हल बैल लेकर खेत की जुताई कर रहे थे. इसी दौरान मो जमाल, मो मकसूद, मो मुस्तकीम, मो मासूम समेत 15 लोग लाठी-डंडा लेकर आये व जान मारने की नीयत से हम लोगों पर हमला कर दिया. इस घटना में मो मंजूर, मो शहादत, जमालुद्दीन तथा मो मेराज के सिर में चोट लगी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को रेफरल अस्पताल झाझा में भर्ती कराया. इस मामले में कांड के अनुसंधानकर्ता नंद किशोर सिंह व झाझा थानाध्यक्ष संजय कुमार ने 30 सितंबर को आरोप पत्र समर्पित किया था. इसमें किसी भी जख्मी साक्षी का बयान नहीं लिया गया था. इसी मामले में न्यायालय ने नोटिस निर्गत किया है.

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