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वेट लिफ्टिंग की रेफरी के साथ छेड़खानी

बिहार की एक पूर्व महिला खिलाड़ी ने बिहार भाराेत्ताेलन के प्लानिंग और डेवलेपमेंट के चेयरमैन अरुण कुमार केसरी पर छेड़खानी का आराेप लगाते हुए केस दर्ज करा दिया है.

– बिहार भारोत्तोलन के प्लानिंग और डेवलपमेंट के चेयरमैन अरुण कुमार पर लगा आरोप – कई राज्यों में पेपर लीक करने वाला परीक्षा माफियाओं के सरगना अतुल वत्स के पिता है अरुण कुमार केसरी – जहानाबाद स्थित घर पर 2010 में सीडब्लूजी घोटाले में सीबीआइ ने की थी रेड संवाददाता, पटना बिहार की एक पूर्व महिला खिलाड़ी ने बिहार भाराेत्ताेलन के प्लानिंग और डेवलेपमेंट के चेयरमैन अरुण कुमार केसरी पर छेड़खानी का आराेप लगाते हुए केस दर्ज करा दिया है. वर्तमान में वह वेट लिफ्टिंग खेल की रेफरी करती हैं. पीड़िता के अनुसार, घटना कंकड़बाग थाने के पाटलिपुत्र खेल परिसर में शनिवार काे हुई. कंकड़बाग थानेदार नीरज कुमार ठाकुर ने बताया कि अरुण कुमार केसरी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. पुलिस मामले की छानबीन करने में जुटी है. मालूम हो कि अरुण कुमार केसरी मूल रूप से जहानाबाद के रहने वाले हैं. यही नहीं अरुण कुमार केसरी, बिहार समेत देश के कई राज्याें में पेपर लीक करने वाला परीक्षा माफियाओं के सगरना अतुल वत्स के पिता हैं. 2010 में चर्चित सीडब्लूजी घाेटाले में अरुण कुमार केसरी के जहानाबाद स्थित घर पर सीबीआइ का रेड भी हुआ था. हालांकि सीबीआइ को वहां से कुछ भी नहीं मिला था. 65 साल के अरुण कुमार केसरी बिहार वेट लिफ्टर एसाेसिएशन के पूर्व अध्यक्ष भी हैं. इस पूरे मामले में अरुण कुमार केसरी ने कहा कि उसने जाे आराेप लगाये हैं, वह निराधार है. वह मुझे ब्लैकमेल कर रही है. वह दबाव डाल रही है कि रेफरी में नाम दे दें. मैं प्लानिंग और डेवलपमेंट का चेयरमैन हूं. रेफरी का चुनाव संघ के अध्यक्ष या सचिव करते हैं. मैं नहीं करता हूं. वह अभी लेवल टू में है. बिहार में 55 रेफरी हैं. सीनियर का भेजा जाता है. मैने उसके साथ काेई गलत हरकत नहीं की है. अरुण कुमार केसरी ने कहा कि अतुल वत्स मेरा बेटा है पर 2017 से उससे मेरा काेई संपर्क नहीं है. मुझे कमरे में खुश नहीं कराेगी ताे कैरियर बर्बाद कर दूंगा पीड़िता ने पुलिस को बताया कि राष्ट्रीय प्रतियाेगिता में रेफरी में नाम नहीं आने की वजह से अरुण कुमार केसरी काे 4 दिसंबर काे फाेन कर पूछा था कि नाम क्याें नहीं है. 6 दिसंबर काे पाटलिपुत्र खेल परिसर में उन्हाेंने मिलने काे बुलाया. फिर 5 दिसंबर काे मेरे माेबाइल पर उन्हाेंने वाटसएप मैसेज कर लिखा कि 6 दिसंबर काे मत आना, सुबह छह बजे राजगीर जा रहा हूं. 7 दिसंबर काे आने काे कहा. 7 दिसंबर काे फिर उन्हें काॅल की पर रिसिव नहीं किये. उसके बाद उनके ही मैसेज के आधार पर उनसे मिलने काे पाटलिपुत्र खेल परिसर में उनके कार्यालय में चली गयी. वहां वे अकेले थे. थाेड़ी देर तक बात करने के बाद कहा कि तुम मुझे कमरे में खुश नहीं कराेगी ताे किसी प्रतियाेगिता में तुम्हारा रेफरी में नाम नहीं जायेगा. तुम्हरा कैरियर बर्बाद कर दूंगा. जाेर जबरदस्ती कर कपड़ा खाेलने का प्रयास किया दर्ज केस में पीड़िता ने आराेप लगाया है कि अरुण कुमार केसरी ने कार्यालय का कमरा बंद कर दिया. जाेर जबरदस्ती करने लगे. मना करने पर भी कपड़ा खाेलने का प्रयास करने लगे. मेरे शरीर में चिपकने लगे. किसी तरह कार्यालय का कमरा खाेलकर वहां से भागी और फिर डायल 112 काे फाेन किया. डायल 112 की टीम पहुंची, लेकिन पुलिस के आने से पहले ही अरुण कुमार केसरी मौके से फरार हो गये. पीड़िता के पिता ने बताया कि इस संबंध में पुलिस मुख्यालय के पदाधिकारियों की भी दी गयी है. इसके अलावा दिल्ली खेल मंत्रालय से भी इस मामले की शिकायत की गयी है. मेरी बेटी डर के कारण कुछ नहीं बता रही थी. बाद में जब स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स पहुंचे तो वहां के अधिकारी ने पूरे घटना की जानकारी दी.

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