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Bihar Land Survey: खास महाल जमीन पर सरकार की नजर, शर्तों का किया उल्लंघन तो रद्द होगी बंदोबस्ती

Bihar Land Survey: बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा है कि खास महाल की जमीन जिन लोगों के कब्जे में है, वे या तो जमीन का लगान दें या फिर जमीन खाली कर दें.

Bihar Land Survey: पटना. बिहार में जमीन सर्वे चल रहा है. जमींदारी हस्तानांतरण होने के बाद बिहार सरकार ने कभी जमीन को लेकर गंभीरता नहीं दिखायी. अब सरकार अपने जमीन के आंकड़ों को दुरुस्त करने जा रही है. जमींदारी प्रथा के दौरान रैयतों को कई शर्तों के साथ जमीन की बंदोबस्ती हुआ करती थी. सरकार अब उन शर्तों को खंगाल रही है. सरकार की नजर बिहार के 4 हजार एकड़ से अधिक की खास महाल जमीन पर है. यह जमीन जमींदारी के दौरान रैयतों को खास शर्तों पर बंदोबस्त की गयी थी.

शर्तों की सरकार कर रही जांच

सरकार अब इन जमीनों की जांच कराने का फैसला किया है. जांच के दौरान अगर शर्तों का उल्लंघन पाया गया तो सरकार बंदोबस्ती रद्द कर सकती है या नये शर्तों के साथ बंदोबस्त बहाल कर सकती है. सरकार का कहना है कि वो किसी भी स्थिति में खास महाल की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करायेगी. हाल ही में कोर्ट आफ वार्डस से मुक्त हुए बेतिया राज की जमीन का सरकार ने अधिग्रहण किया है. अब सरकार की नजर खास महाल की जमीन पर है. इसको लेकर सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है.

बिहार के 12 जिलों में 4193 एकड़ जमीन

बिहार में कुल मिलाकर खास महल की चार हजार एकड़ से अधिक जमीन है. बिहार के 12 जिलों में 4193 एकड़ जमीन खास महल की है. केवल पटना में ही 137 एकड़ से अधिक जमीन खास महाल की है. बक्सर में 108 एकड़ जमीन खास महाल की है. बिहार सरकार का दावा है कि खास महाल की इन सभी जमीनों को वो अवैध कब्जा से मुक्त कराने जा रही है. इसको लेकर बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाएगा. बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा है कि खास महाल की जमीन जिन लोगों के कब्जे में है, वे या तो जमीन का लगान दें या फिर जमीन खाली कर दें. उन्होंने कहा कि खास महाल की जमीन लोगों को आवास के लिए बंदोबस्त की गई थी, लेकिन लोगों ने बड़े पैमाने पर बंदोबस्त की शर्तों का उल्लंघन किया है. आवास के लिए दी गयी जमीन का व्यवसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है. इन जमीनों पर अपार्टमेंट तक बना लिए गए हैं.

हर हाल में हटेगा अतिक्रमण

मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि बंदोबस्त प्रावधानों के अनुसार खास महाल की जमीनों पर दो मंजिल से अधिक निर्माण नहीं किया जा सकता है. अकेले राजधानी पटना में खास महल की ज्यादातर जमीनों पर अवैध कब्जा है. उसे मुक्त कराने के लिए सरकार पूरी तैयारी कर चुकी है. सरकार का कहना है कि बंदोबस्त की शर्तों को तोड़नेवाले को हर हाल में बकाया लगान चुकाना होगा. एक अनुमान के अनुसार केवल पटना में ही खास महाल की जमीनों पर दो सौ करोड़ से अधिक टैक्स बकाया है. बंदोबस्त की शर्तों को तोड़नेवाले लोगों की बंदोबस्ती रद्द करने और नये सिरे से इन जमीनों की बंदोबस्ती करने के लिए अब सरकार जल्द ही कानून लाने जा रही है.

दो तरह से बंदोबस्त हुई खास महाल की जमीन

जानकारों का कहना है कि खास महाल की सभी जमीनों पर अवैध कब्जा नहीं है. सरकार अगर इन जमीनों पर लगान तय करती है तो उन्हें टैक्स देने में कोई परेशानी भी नहीं है. खास महल की जमीनें दो-तीन तरीके से लोगों को बंदोबस्त की गयी हैं. किसी को 100 साल के लिए तो किसी को असिमित समय के लिए दिया गया है. कुछ लोगों ने बंदोबस्त खत्म होने के बावजूद उसका नवीकरण नहीं कराया है. किसी के पास कागज नहीं है, तो किसी ने दूसरे के हाथ बेंच दी है, जिसे सरकार अवैध कब्जा मान रही है.

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