देवघर : बाबा मंदिर के गर्भगृह और शिवलिंग की पौराणिकता से छेड़छाड़ का आरोप मंदिर के पुरोहितों ने लगाया है. शिवलिंग की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं, इसको लेकर चर्चा जोरों पर है. इसे बाबाधाम के तीर्थ-पुरोहितों में उबाल है. उनका कहना है कि बाबा मंदिर के गर्भगृह में मरम्मत कार्य करने से पहले न तो सरदार पंडा से और न ही पंडा धर्मरक्षिणी सभा से राय ली गयी.
शनिवार को दोपहर तीन बजे ही कर दिया गया मंदिर का पट बंद
दरअसल, शनिवार को बाबा मंदिर के गर्भगृह में विशेष सफाई की बात कहकर परिसर में सूचना प्रसारित करायी गयी और दोपहर तीन बजे ही मंदिर का पट बंद कर दिया गया. उसके बाद मंदिर का पट श्रृंगार पूजा के दौरान खोला गया और पूजा की गयी. वहीं, जब दोबारा रविवार को मंदिर का पट खोला गया, तो लोगों ने देखा कि शिवलिंग का रूप बदला हुआ था. इसके ऊपर सीमेंट जैसी चीज लगी हुई थी. इससे शिवलिंग के साथ छेड़छाड़ करने की चर्चा शुरू हो गयी.
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गर्भगृह में टूटे हुए कुछ टाइल्स बदले गये
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बाबा मंदिर को बंद कर सफाई के नाम पर शिवलिंग पर किसी चीज का लेप लगाया गया और गर्भगृह में टूटे हुए कुछ टाइल्स बदले गये. वहीं, कोर्ट के आदेशानुसार, मंदिरों के गर्भगृह में किसी तरह का कार्य करने से पहले मंदिर प्रशासन को पुरोहित समाज और सरदार पंडा की स्वीकृति लेना अनिवार्य है.
किसने क्या कहा
पंडा धर्मरक्षिणी सभा को बिना बताये प्रशासन हो या फिर बोर्ड, गर्भ गृह के मामले में किसी तरह का छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. साथ ही इस बारे में सभा को किसी तरह की जानकारी दिये बिना कुछ भी करना गलत ही नहीं अक्षम्य है. मंदिर प्रशासन को किसने अधिकार दिया और किसने ये किया, उस पर कार्रवाई हो. इन सभी बातों से सीएम को अवगत कराया जायेगा. वहीं मामले को लेकर डीसी से बात कर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है.
डॉ सुरेश भारद्वाज, अध्यक्ष, पंडा धर्मरक्षिणी सभा
गर्भ गृह में छेड़छाड़ हुआ है, इसकी जानकारी हमें कुछ लोगों से मिली है. कोर्ट का आदेश है कि बिना सरदार पंडा के स्वीकृति लिये किसी तरह का काम नहीं किया जा सकता है. किसने किया, कब किया इस बात की जानकारी नहीं है. मामले को पूरी तरह से देखा जा रहा है. प्रशासन से इस संबंध में बात की जायेगी. यह धर्म पर आघात है.
श्रीश्री गुलाबनंद ओझा, मंदिर महंत सह सरदार पंडा
गर्भ गृह में छेड़छाड़ हुई है, इसकी जानकारी लोगों से मिल रही है. मैं अभी सूतक में चल रहा हूं इसलिए गर्भ गृह में जाकर देख नहीं सकता. अगर इस तरह का हुआ है, तो क्यों हुआ, इस पर दो सवाल उठ रहे हैं. क्या डीसी के आदेश पर हुआ या फिर श्राइन बोर्ड के आदेश पर. कोर्ट का साफ निर्देश है कि इस तरह के कार्य के लिए सरदार पंडा व पुरोहित समाज से सहमति लेनी चाहिए. अगर बगैर किसी की सहमति के ऐसा किया गया है, तो डीसी और कमिश्नर को मामले की गंभीरता को देखते हुए 24 घंटे में हटाया जाये. अगर इनलोगों के आदेश पर भी नहीं हुआ तो मंदिर के किस कर्मचारी ने कराया, तो उसे किसने अधिकारी दिया. ऐसे कर्मचारी को निलंबित नहीं बर्खास्त किया जाये. जल्द ही मामले की गंभीरता को देखते हुए सरदार पंडा से आग्रह करेंगे कि उनकी अगुवाई में सलाहकार समिति की बैठक कर लिखित में निर्णय लेते हुए कार्रवाई के लिए आगे बढ़ाया जाये.
दुर्लभ मिश्र, अखिल भारतीय पुरोहित महासभा
मामला संज्ञान में आया है. गर्भगृह में क्या काम कराया गया है, इसकी पूरी जांच करायी जायेगी.
रवि कुमार, एसडीओ सह मंदिर प्रभारी