किशनगंज. शहर के लहरा चौक के समीप जमीयत उलेमा-ए-हिंद की किशनगंज इकाई के द्वारा इजलास-ए-आम का आयोजन किया गया. रविवार को लहरा चौक स्थित मैदान में आयोजित हुए इजलास-ए-आम में जमियत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष महमूद सैयद असद मदनी के अलावे बिहार बंगाल, आसाम, यूपी सहित कई राज्यों व नेपाल से जमियत के प्रतिनिधियों व स्थानीय सांसद व विधायक व सहित हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जमियत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष महमूद सैयद असद मदनी ने कहा कि हमारा मुल्क हो या दुनिया का कोई भी मुल्क हो वहाँ उस मुल्क की माईनोरिटी महफूज रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर हो रहे हमले की बांग्लादेश में जो घटनाएं हो रही है वो निंदनीय है. वहां की माईनोरिटी पर हमला बंद होना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई मुसलमान अगर गैर मुस्लिम के साथ गलत व्यवहार करे तो यह बहुत बड़ा अन्याय है. उन्होंने कहा कि यह इस्लाम का विरोध है, इस्लाम ऐसा नहीं सिखाता. महमूद सैयद असद मदनी ने आगे कहा कि आज राजनैतिक लाभ के लिए देश के सौहार्द को बिगाड़ने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है जो कि नहीं होनी चाहिए. कुछ लोग नफरत फैलाकर लोगो को बांटने का काम कर रहे है. उन्होंने कहा कि रात चाहे कितनी अंधेरी और लम्बी हो सुबह तो होती है और इन्शा अल्लाह होगी, मायूस होने की ज़रूरत नहीं. उन्होंने कहा कि वक्फ मुसलमानों की दान की हुई संपति है, इसलिए हुकूमत इस में दख़ल ना दे. उन्होंने कहा कि सरकार वक्फ कानून बना कर मुसलमानों की संपत्ति को जब्त करना चाहती जिसे नहीं होने दिया जाएगा. सम्मेलन में संभल में हुई हिंसा और वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर उलेमाओं ने आक्रोश व्यक्त किया और केंद्र सरकार से ऐसे मामलों पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई. कार्यक्रम में नेपाल के मंत्री सह नेपाल अध्यक्ष मुफ्ती खालिद सिद्दीकी, महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी, बिहार प्रदेश अध्यक्ष मुफ्ती मो जावेद इकबाल कासमी, जिला महासचिव मौलाना खालिद अनवर, जिला प्रवक्ता मुफ्ती मुहम्मद मुनाज़िर नोमानी सहित हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे.
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