बिना हॉलमार्क के ज्वेलरी का कारोबार कर रहे अधिकतर व्यवसायीवर्ष 2021 से जिले में बिना हॉलमार्क लाइसेंस ज्वेलरी बेचना गैरकानूनी
हॉल मार्क यह प्रमाणित करता है कि ज्वेलरी में उपयोग किए जाने वाला धातु बीएसआइ की एजेंसी से निर्धारित मानक के अनुरूप है. बीआइएस का लोगो लगी ज्वेलरी को जांचने की जरूरत नहीं पड़ती. देश के किसी कोने में निर्धारित मूल्य पर इसकी वापसी हो जाती है. इसमें छह अंकों का एचयूआइडी नंबर होता है, जिसमें विक्रेता का नाम, सोने का कैरेट, निर्माण की तिथि इसका विवरण होता है.
शहर में दो हॉल मार्क सेंटर
बीआइएस लोगों के लिए शहर में दो सेंटर खुले हैं. निबंधित ज्वेलर्स अपनी ज्वेलरी को यहां से प्रमाणित कराते हैं. फिर उसकी बिक्री की जाती है. जिले के निबंधित ज्वेलर्स यहां से हॉल मार्क से प्रमाणित करा कर ही ज्वेलरी अपनी दुकान में रखते हैं. अगर किसी नयी ज्वेलरी का निर्माण होता है तो उसे इस हॉल सेंटर से प्रमाणित कराया जाता है फिर उसकी बिक्री की जाती है. इसका विवरण भी रसीद पर लिखा जाता है. सभी दुकानदारों का लाइसेंस लेना अनिवार्यसभी सर्राफा दुकानदारों को बीआइएस का लाइसेंस लेना अनिवार्य है. लाइसेंस नहीं लेने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है. केंद्र सरकार के आदेशानुसार 23 जून, 2021 को पहले फेज में ही हॉलमार्क लाइसेंस को कई शहरों के साथ मुजफ्फरपुर के लिए भी अनिवार्य किया था. इसके बाद से लगातार बीआइएस की ओर से जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है. बावजूद अभी कई व्यवसायी हैं, जो बिना हॉलमार्क लाइसेंस के काम कर रहे हैं. लाइसेंस नहीं लेने पर उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.
– सुनील सिंह, बीएसआइ, मुजफ्फरपुर
दुकानदारों के बीच चलाया जा रहा जागरूकता बीआइएस लाइसेंस लेने के लिए दुकानदारों के बीच जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है. सभी दुकानदारों को कहा जा रहा है कि वह हॉलमार्क का लाइसेंस लेकर अपना व्यवसाय करे. इससे वे कानूनी मुश्किलों में नहीं पड़ेंगे और आपके व्यवसाय में भी शुद्धता बरकरार रहेगी. संगठन की बैठकों में भी इस बात को रखा जा रहा है. – विश्वजीत कुमार, महामंत्री, सर्राफा व्यवसायी संघडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है