रांची. राज्य के सरकारी स्कूल के 22,35,656 बच्चों को अब तक पोशाक और स्वेटर नहीं मिले हैं. पहली से आठवीं कक्षा तक कुल 39,76,452 और नौवीं से 12वीं कक्षा तक के 8,68,474 बच्चों के पोशाक के लिए राशि उपलब्ध करायी गयी है. इनमें से अब तक 26,09,270 बच्चों को ही पोशाक की राशि मिली है. जबकि, झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा जिलों को सितंबर में ही राशि उपलब्ध करा दी गयी थी. मार्च में शैक्षणिक सत्र 2024-25 समाप्त हो जायेगा. जनवरी से फरवरी के अंत तक आठवीं से 12वीं कक्षा तक की बोर्ड परीक्षा भी हो जायेगी. ऐसे में इन बच्चों को अगर अब पोशाक मिलती भी है, तो वे इसका उपयोग नहीं कर पायेंगे. इस स्थिति को देखते हुए शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने पूरे मामले में अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है और बच्चों को जल्द पोशाक, साइकिल, बैग समेत अन्य सभी योजनाओं की राशि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. नौ दिसंबर को विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. मंत्री श्री सोरेन ने कहा कि बच्चों को समय पर योजना का लाभ मिले इसे सुनिश्चित कराया जायेगा.
इस वर्ष 48,44,926 विद्यार्थियों को दी जानी है पोशाक
उल्लेखनीय है कि झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से इस वर्ष राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले कुल 48,44,926 विद्यार्थियों को पोशाक दी जानी है. विभाग के ही आंकड़े बताते हैं कि अब तक केवल 26,09,270 विद्यार्थियों को ही पोशाक के लिए राशि दी जा सकी है. जबकि 22,35,656 बच्चे राशि से वंचित हैं. इस वर्ष पोशाक की राशि पिछले वर्ष की तुलना में विलंब से उपलब्ध करायी गयी. पिछले वर्ष जुलाई में राशि दी गयी थी. जबकि, इस वर्ष सितंबर के अंत में जिलों को राशि दी गयी है. राशि मिलने के लगभग 15 दिन बाद राज्य में चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गयी. इस दौरान विभाग के पदाधिकारी से लेकर शिक्षक तक चुनाव कार्य में लग गये. इस कारण पोशाक की राशि देने में देर हुई.पोशाक के लिए 600 से 1200 रुपये तक देती है सरकार
पहली से पांचवीं कक्षा तक के हर विद्यार्थी को दो सेट पोशाक, स्वेटर व जूते-मोजे के लिए 600 रुपये दिये जाते हैं. वहीं, छठी से आठवीं के हर विद्यार्थी को दो सेट पोशाक के लिए 400, स्वेटर के लिए 200 रुपये और जूते-मोजे के लिए 160 रुपये दिये जाते हैं. छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों के जूते-मोजे की पूरी राशि राज्य सरकार देती है. माध्यमिक और माध्यमिक व प्लस टू के बच्चों के लिए 1200 रुपये दिये जाते हैं.
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