Dhanbad News:आर्य समाज के प्रधान सह डीएवी प्लस टू विद्यालय के सचिव डॉ मृणाल ने भारतीय क्लब, कतरास में रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि डीएवी प्लस टू विद्यालय में 18 लाख रुपये का गबन हुआ है. 28 सितंबर 2024 से अब तक बैंक खाते में एक रुपये जमा नहीं हुए हैं. छात्रों से इंटर व मैट्रिक परीक्षा फॉर्म भरवाने के नाम पर प्रति छात्र अतिरिक्त 150 रुपये की वसूली की गयी है. इसका कोई हिसाब-किताब नहीं है. इसकी शिकायत उपायुक्त व जिला शिक्षा अधीक्षक से की गयी है. डॉ मृणाल ने आरोप लगाया कि विद्यालय में प्रतिनियुक्त प्रभारी प्रधानाध्यापक उपेंद्र राय बिना रसीद निर्गत किये अवैध वसूली कर रहे हैं. जैक के निर्धारित परीक्षा शुल्क से अवैध वसूली करना नियम के खिलाफ है. डॉ मृणाल ने प्रशासन से विद्यालय की संग्रहीत राशि बैंक खाते में जमा करवाने तथा प्रभारी प्रधानाध्यापक को अपने मूल पद पर वापस करते हुए उनके कार्यकाल में हुए अनियमितता की जांच की मांग की है. मौके पर राजेंद्र प्रसाद राजा, विनय सिन्हा, अनुज कुमार सिन्हा, सुदाम गिरि, शंकर चौहान, जयेश चावड़ा, अधिवक्ता जयदेव बनर्जी, प्रिंस गुप्ता, ऋतिक सिंह, बाबू बर्मन आदि थे. विदित हो कि आर्य समाज के अधीन संचालित डीएवी प्लस टू उवि में दो गुट आमने-सामने हैं.
नहीं हुआ है कोई गबन : प्रधानाध्यापक
इधर, डीएवी प्लस टू उवि के प्रभारी प्रधानाध्यापक उपेंद्र राय ने कहा कि उन पर लगाये गये 18 लाख के गबन का आरोप सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि तीन माह में 17 लाख 575 रुपये की आय हुई है. इसमें 11 लाख 85 हजार रुपये वेतन भुगतान, इपीएफ भुगतान में दो लाख 74 हजार रुपये, बिजली, टेलीफोन, पानी, स्टेशनरी समेत अन्य जरूरी कार्यों में 76875 रुपये खर्च हुए हैं. फिलहाल कैश इन हैंड एक लाख 64 हजार 700 रुपये है. उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं से परीक्षा शुल्क में जितनी राशि ली गयी है. उसका रसीद निर्गत किया जा रहा है. अगर किसी कारण से किसी को रसीद नहीं मिला है, तो उन्हें भी रसीद दिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है