कुछ करने का जुनून व जोश हो उम्र राह में रोड़ा नहीं बन सकती. यह बात कोयलांचल के 87 साल के उम्र में चुस्त दुरुस्त केंदुआ बाजार निवासी गांधी जी नींबू चायवाले के नाम से फेमस शंभू दयाल ताम्रकार पर बिल्कुल फिट बैठती है. बढ़ती महंगाई के कारण जीविका उपार्जन के लिए गांधी जी नींबू चाय वाले ने चाय बेचना बंद कर केंदुआ सिनेमा हाल के निकट किराए की एक छोटी दुकान में गांधी जी फेमस लिट्टी चोखा पिछले एक माह से शुरू कर दी. गांधी जी के अंदर जीविका उपार्जन करने के लिए ईमानदारी से मेहनत करने का जज्बा उनकी लिट्टी चोखा में दिखाई देता है. मृदुभाषी स्वभाव, मध्यम कद काठी,आंखो पर गांधी चश्मा लगाए, कुर्ता धोती पहने शंभू दयाल ताम्रकार उर्फ गांधी जी के अंदर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विचारधारा आज भी जिंदा है. जिसका प्रमाण उनकी दुकान के अंदर गांधी जी के तस्वीर को देखकर पता चलता है.
सादगी व व्यवहार कुशलता से स्वत: चले आते हैं लोग :
सादगी व व्यवहार कुशलता के कारण स्वतः लोग उनकी टेस्टी लिट्टी चोखा खाने उनकी दुकान पर पहुंच जाते है.इस दौरान गांधी जी नींबू चायवाले के नाम से लोगो के बीच विख्यात (शंभू दयाल ताम्रकार) ने कहा कि महंगाई इतनी बढ़ गई कि चाय बनाने के मैटेरियल खरीदारी करने में बजट बिगड़ जा रहा है, उस हिसाब से चाय की कीमत नहीं मिल पाती है. इस कारण चाय बेचने का कारोबार छोड़ लिट्टी चोखा बेचना शुरू कर दिया. चाय के कारोबार से बेहतर है लिट्टी चोखा बेचना. वर्षो पूर्व की दिनचर्या आज भी उनकी बरकरार है. सुबह चार साढ़े चार बजे उठना व अपनी नित्यक्रिया कर पोते पोतियों के साथ कुछ पल बिताने के बाद लिट्टी चोखा की दुकान शुरू करने के लिए ठंड के मौसम में छह बजे पहुंच जाना उनकी नित्यक्रिया में शामिल है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है