रूट कैनाल कराते समय न तो उपकरण टूटने का डर होगा और न ही संक्रमण का खतरा : डॉ सौरभ बनर्जी इलाज का खर्च 33 प्रतिशत तक होगा कम फोटो डॉ सौरभ बनर्जी Jamshedpur News : शहर के डॉक्टर (माइक्रो-एंडोडोंटिक्स) सौरभ बनर्जी ने एक नयी तकनीक सीएचएफ (कॉन्सेप्चुअल हाइब्रिड प्लेयर) बनायी है. जिसे भारत सरकार ने भी मान्यता दे दी है. यह उपलब्धि भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों के मरीजों को भी इसका लाभ मिल सकेगा. इसको लेकर रविवार को मध्यप्रदेश के इंदौर में यूएसए के पियरे फौचर्ड अकादमी के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में डॉ. सौरभ बनर्जी को आनरेरी फेलोशिप सम्मान दिया गया. डॉ. सौरभ बनर्जी ने सीएचएफ तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस तकनीक को विकसित करने में करीब आठ साल लगे हैं. उन्होंने बताया कि अब रूट कैनाल कराते समय न तो उपकरण टूटने का डर होगा और न ही संक्रमण होना का खतरा रहेगा. वहीं इलाज पर भी 33 प्रतिशत खर्च कम आयेगा. इस तकनीक को भारत सरकार ने भी मान्यता दे दी है. ऐसे में अब दांत का इलाज सस्ता और बेहतर होगा. दांत निकालने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. इस तकनीक में उपयोग होने वाला उपकरण स्टेनलेस स्टील व निकेल टाइटेनियम के मिश्रण से बना है. इस तकनीक के माध्यम से रूट कैनाल करने के तरीके को बदला गया है. पुरानी विधि में एक ही फाइल का उपयोग किया जाता है, जो दांतों की नली के अंतिम क्षोर तक जाता है, जिससे उपकरण टूट कर नली में फंसने का खतरा बना रहता है. नयी तकनीक में ऐसा नहीं है. इसमें दांतों की घुमावदार नली को चिन्हित कर उसके अनुसार उसे अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया जाता है. कई हिस्सों में बंटने से घुमावदार भाग छोटे हो जाते हैं, जिससे उपकरण टूटने की संभावना शून्य हो जाती है. सीएचएफ तकनीक में 10 स्टेप बनाये गये हैं. जिसका पालन करना होता है. उन्होंने कहा कि देश में इस तरह की यह पहली तकनीक है. सीएचएफ तकनीक के कई फायदे हैं. इससे दांतों की उम्र बढ़ने के साथ-साथ रूट कैनाल की गुणवत्ता में भी काफी सुधार होगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है