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बीड़ी श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी की जांच के लिए प्रशासन ने चलाया अभियान

विभागीय निर्देश के आलोक में बीड़ी श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के अंतर्गत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए जिले के सभी बीड़ी प्रतिष्ठानों में निरीक्षण किया जा रहा है.

जमुई. विभागीय निर्देश के आलोक में बीड़ी श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के अंतर्गत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए जिले के सभी बीड़ी प्रतिष्ठानों में निरीक्षण किया जा रहा है. इसे लेकर श्रम अधीक्षक रतीश कुमार के नेतृत्व में सोमवार को जिले में जांच अभियान चलाया गया. श्रम अधीक्षक ने बताया कि वर्तमान में बीड़ी निर्माण श्रमिकों का प्रति हजार बीड़ी निर्माण मजदूरी 397 रुपये निर्धारित है. उन्होंने बताया कि जिन प्रतिष्ठानों द्वारा उक्त अधिनियम का अक्षरशः अनुपालन नहीं किया जा रहा है, उन पर न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 की सुसंगत धाराओं के तहत विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी. साथ ही निर्माण लागत का 1 प्रतिशत लेबर सेस (उपकर) संग्रहित करने हेतु जिले के निर्माणाधीन स्थलों का सर्वेक्षण भी किया जा रहा है. श्रम अधीक्षक ने सभी निर्माणाधीन भवनों के मालिकों से लेबर सेस की राशि जमा करने की अपील की है. श्रम अधीक्षक ने यह भी बताया कि किसी भी दुकान, प्रतिष्ठान या निर्माण स्थलों में यदि बाल श्रमिक नियोजित पाए जाते हैं, तो नियोजकों को 20 हजार से 50 हजार रूपये तक का जुर्माना अथवा 6 माह से 2 वर्ष तक की सजा अथवा दोनों से दंडित किए जाने का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि जिले में बाल श्रमिकों को विमुक्त करने हेतु छापेमारी अभियान लगातार जारी रहेगा.

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