संतोष कुमार, चास, चास शहरी क्षेत्र के 18 तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराने की तैयारी में चास नगर निगम प्रशासन जुट गया है. अपर नगर आयुक्त ने अतिक्रमण हटाने के लिए विशेष टीम का गठन किया है. उक्त टीम अंचल अधिकारी चास के साथ समन्वय स्थापित करते हुए सभी तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए अभियान चलायेंगे.
बता दें तालाब का अतिक्रमण होने के कारण जल क्षेत्र कम हो गया है. इस कारण भू-जल स्तर पर प्रभाव पड़ रहा है. स्थानीय लोग वर्षों से विभिन्न तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग करते आ रहे है. जल स्रोतों के संरक्षण व उनके आस-पास अतिक्रमण व जल प्रदूषण को रोकने के लिए निगम ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है. बोकारो उपायुक्त ने भी बैठक कर शहरी क्षेत्रों में जल स्रोतों के संरक्षण के लिए उन्हें अतिक्रमण मुक्त करने का निगम प्रशासन को सख्त निर्देश दिया है. इसके बाद निगम ने कवायद तेज कर दी है. संबंधित अधिकारी से भोलूर बांध, सोलागीडीह तालाब, नूतन पोखर, महतो बांध, पुराना बांध, मैरा बांध, बड़ा बांध, डंगर गाड़िया, जमगोड़िया तालाब, फुदनीडीह तालाब, कमलिया बांध, सुल्तान नगर तालाब सहित अन्य तालाब का सर्वे कराया जा रहा है.स्थानीय लोगों का कहना है कि चास निगम प्रशासन को अतिक्रमण हटाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. कुछ वर्ष पूर्व जोधाडीह मोड़ स्थित महतो बांध उर्फ नूतन पोखर को अतिक्रमण मुक्त कराने का प्रयास निगम व चास अंचल ने संयुक्त रूप से किया था, लेकिन प्रशासन को पूरी कामयाबी नहीं मिली थी. फिर से अतिक्रमण हटाने की सूचना पर कब्जाधारियों में हड़कंप मचा हुआ है.
बोले अधिकारी
चास नगर निगम के अपर नगर आयुक्त संजीव कुमार ने कहा कि तालाबों के अतिक्रमित भूमि पर बने घर व बाउंड्री निर्माण को जेसीबी से ध्वस्त किया जायेगा. सर्वे पूरा होते ही अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया जायेगा. तालाब की भूमि को अतिक्रमण करना लोगों को अब भारी पड़ेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है