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Tirhut MLC Election: तिरहुत स्नातक सीट से निर्दलीय वंशीधर ब्रजवासी की जीत तय, जदयू-राजद से आगे जन सुराज

Tirhut MLC Election: बिहार विधान परिषद की तिरहुत स्नातक सीट के उपचुनाव की मतगणना में निर्दलीय उम्मीदवार एवं शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी 18 हजार सेज्यादा वोट लाकर पहलेनंबर पर हैं. इसके बाद जन सुराज पार्टी के विनायक गौतम दूसरे, राजद के गोपी किशन तीसरे और जदयू के अभिषेक झा चौथे नंबर पर हैं.

Tirhut MLC Election: पटना. बिहार विधान परिषद की तिरहुत स्नातक सीट के उपचुनाव की मतगणना में निर्दलीय उम्मीदवार एवं शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी सबसे आगे चल रहे हैं. पहली वरीयता के मतों की गिनती का पहला चक्र पूरा हो गया है, जिसमें निर्दलीय उम्मीदवार और शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी 3133 वोट के साथ सबसे आगे हैं. जन सुराज पार्टी के विनायक गौतम 1610 वोट के साथ दूसरे, आरजेडी के गोपी किशन 1234 वोट के साथ तीसरे स्थान पर हैं. देवेशचंद्र ठाकुर के बेहद करीबी जदयू के अभिषेक झा को महज 1184 वोट मिले हैं और वो चौथे नंबर पर चल रहे हैं. निर्दलीय राकेश रौशन ने भी 867 और संजय झा ने 814 वोट जुटाए हैं. अरविंद कुमार को 43, अरुण जैन को 18 वोट मिला है. 931 वोट अब तक अवैध घोषित हुए. अब तक कुल 9958 वोट गिने गए हैं.

देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद बनने से खाली हुई थी सीट

जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के विधान परिषद से इस्तीफे के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया गया है. 17 उम्मीदवारों ने उपचुनाव लड़ा है. 5 दिसंबर को इस सीट के तहत शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और वैशाली में 197 बूथों पर करीब 48 फीसदी मतदान हुआ था. मुजप्फरपुर के एमआईटी स्थित मतगणना केंद्र में 20 टेबल पर एक राउंड में 500-500 यानी लगभग 10 हजार मतों की गिनती हो रही है. मतगणना सोमवार सुबह 8 बजे शुरू हुई. मंगलवार को तिरहुत स्नातक सीट का फाइनल रिजल्ट जारी होने की संभावना है. एमएलसी उपचुनाव में लगभग 70 हजार वोट पड़े थे. नियमों के अनुसार जब तक कोई उम्मीदवार 50 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं ले आता, तब तक गिनती जारी रहेगी.

कैसे होती है वरीयता वाले मतों की गिनती

विधान परिषद चुनाव में एक वोटर कैंडिडेट को पहली, दूसरी, तीसरी वरीयता के वोट देता है. पहली वरीयता के एक वोट को एक वोट गिना जाता है, जबकि दूसरी वरीयता के दो वोट को एक गिना जाता है. इसमें विजेता की घोषणा तब होगी जब किसी कैंडिडेट को 50 प्रतिशत प्लस वन वोट मिल जाए. कई बार नतीजे तीसरी वरीयता के मतों की गिनती तक खिंच जाती है. पहली वरीयता के मतों की गिनती के बाद एलिमिनेशन राउंड शुरू होता है और सबसे कम पहली वरीयता वोट पाने वाले कैंडिडेट को गणना से बाहर करके उसे मिले बैलट पर दूसरी वरीयता के मतों को गिनकर वैल्यू के हिसाब से बचे हुए कैंडिडेट में जोड़ा जाता है. यह प्रक्रिया तब तक चलती रहेगी जब तक किसी एक कैंडिडेट को 50 परसेंट प्लस वन वोट ना हासिल हो जाए. जिसे ये वोट मिलेगा, वो विजेता घोषित हो जाएगा.

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