अखाड़ाघाट पुल पर हर दिन लगने वाले जाम से जल्द निजात मिलने की उम्मीद जग गयी है. बूढी गंडक नदी पर अखाड़ाघाट पुल के समानांतर फोरलेन पुल के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. मिट्टी जांच के लिए नदी में मशीन लगाया गया है. करीब दो साल पहले इस पुल की मंजूरी दी गयी थी. इसी साल सीएम नीतीश कुमार ने शिलान्यास किया था. इस नए अखाड़ाघाट पुल के निर्माण पर 52 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसे पूरा होने में दो साल लग सकते हैं. इस पुल की लंबाई 300 मीटर और चौड़ाई साढ़े 22 मीटर होगी. यह पुल सिकंदरपुर ओपी के पीछे बनेगा, जहां शहरी क्षेत्र में जमीन का अधिग्रहण नहीं होगा क्योंकि पर्याप्त सरकारी जमीन उपलब्ध है. सिर्फ पुल के दूसरी तरफ से शेखपुर में 19 डिसमिल जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. इस पुल पर रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं, जिससे अक्सर यातायात जाम की समस्या उत्पन्न होती है. जीरो माइल से टावर चौक या मोतीझील की ओर जाने के लिए और बस पकड़ने या एसकेएमसीएच पहुंचने के लिए इस पुल से गुजरना पड़ता है.
अखाड़ाघाट पुल करीब 60 साल पुराना है. पिछले दस साल में यह काफी कमजोर हुआ है. 2014 में पुल के पीलर की मरम्मत हुई थी लेकिन इसके बाद ऐसे ही काम चल रहा है. इस पुल से रात 9 बजे के बाद काफी संख्या में भारी वाहनों का आवागमन होता है.
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