Farmer Protest: शंभू बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच का ऐलान किया है. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने मंगलवार को मीडिया से बात की. पंढेर ने कहा कि 14 दिसंबर को किसान एक बार फिर शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए पैदल कूच करेंगे. उन्होंने कहा कि इस कूच में करीब 101 किसानों का जत्था शामिल होगा. सभी किसान पैदल ही दिल्ली का रुख करेंगे.
अपनी मांग पर अड़े हैं किसान
किसान नेता ने कहा कि हम अपनी मांग पर अड़े हैं. उन्होंने दावा किया कि सरकार की तरफ से अब तक न्याय नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि किसान दिल्ली जाकर सरकार के सामने अपनी मांग उठाना चाहते हैं. किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती उनका आंदोलन जारी रहेगा. बता दें, किसानों ने इससे पहले दो बार और दिल्ली कूच का प्रयास किया था, लेकिन वो सफल नहीं हो सके थे.
पूरे देश से प्रार्थना करने की अपील
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम कल (11 दिसंबर) को सीमा पर प्रार्थना दिवस अरदास दिहाड़ा मना रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम पूरे देश को इस मार्च की सफलता के लिए प्रार्थना करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं.पंढेर ने कहा कि फिल्मी सितारों, गायकों और धार्मिक नेताओं से भी अनुरोध है कि वो हमारे विरोध मार्च का समर्थन करें. किसान नेता ने इस दौरान आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किसानों की रिहाई की भी मांग की.
6 और 8 दिसंबर को भी दिल्ली मार्च की हुई थी कोशिश
किसानों ने 14 दिसंबर को दिल्ली मार्च का ऐलान किया है. इससे पहले 6 और 8 दिसंबर को भी किसानों ने दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश की थी. दोनों बार 101 किसानों का जत्थे दिल्ली कूच पर पैदल निकला था. हालांकि दोनों बार सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया. बता दें किसान इसी साल फरवरी महीने से ही शंभू खनौरी बॉर्डर पर अपनी मांगों के लिए डटे हुए हैं.
क्या है किसानों की मांग
- किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं.
- किसानों की सबसे बड़ी मांग है कि कीमत स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार तय हो.
- इसके साथ ही किसानों ने कर्ज माफी की मांग की है.
- आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवार को मुआवजा देने की मांग भी किसान कर रहे हैं.
शंभू बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा
इधर, किसानों के लगातार दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश को देखते हुए शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा के टाइट इंतजाम किये हैं. बीते 6 और 8 दिसंबर को शंभू बॉर्डर पर भारी हंगामा हुआ था. किसानों ने बैरिकेडिंग को उखाड़ दिया था. किसानों को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे थे. ऐसे में एक बार फिर किसानों के मार्च के ऐलान को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है.