मोतिहारी.सेंट्रल जेल मोतिहारी में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस व बिहार मानवाधिकार आयोग के 16 स्थापना दिवस के अवसर पर मंगलवार को विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राजेश कुमार दूबे ने बंदियों को बताया कि केंद्र व राज्य सरकार जेल में बंद संसीमित बंदियों को कई तरह की नि:शुल्क विधिक सहायता दे रही है. जिनके पास केस लड़ने व वकील को पैसा देने के लिए नहीं है, वैसे बंदियों को नि-शुल्क सरकारी वकील की व्यवस्था की जायेगी. इसके लिए बंदियों को जेल अधीक्षक के पास आवेदन देना होगा. वहीं जेल अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि भारत देश में 28 सितंबर 1993 को मानव अधिकार कानून को अमल में लाया गया. 12 अक्तूबर 1993 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन हुआ. तब से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है. कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार, बंदियों को मुफ्त विधिक सहायता, त्वरित विचारण, निष्पक्ष विचारण, आत्म सम्मान की रक्षा करने का अधिकार है. बंदियों के बीच जिला विधिक प्राधिकार के सचिव ने विधिक जागरूकता से संबंधित बुकलेट वितरण किया गया. मौके पर सेंट्रल जेल के उपाधीक्षक मनोज कुमार सिंह, संतोष कुमार पाठक, सहायक उपाधीक्षक अरविंद कुमार, मो नौशाद, रानी कुमारी, प्रशिक्षु प्रोबेशन पदाधिकारी, अवर निरीक्षक सरस्वती कुमारी सहित जिला प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता व अन्य कर्मी मौजूद थे. कार्यक्रम में करीब 33 सौ बंदियों ने भाग लिया.
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