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मानवाधिकार दिवस पर स्कूली बच्चों ने बनाया मानव श्रृंखला

मानवाधिकार दिवस पर मंगलवार काे सरस्वती शिशु मंदिर, सफियाबाद एवं नयागांव जमालपुर में स्कूली बच्चों को मानवाधिकार के प्रति जागरूक किया गया.

जमालपुर. मानवाधिकार दिवस पर मंगलवार काे सरस्वती शिशु मंदिर, सफियाबाद एवं नयागांव जमालपुर में स्कूली बच्चों को मानवाधिकार के प्रति जागरूक किया गया. साथ ही स्कूली बच्चों ने बांग्लादेश में हिंदु अल्पसंख्यकों पर हो अत्याचार के विरोध में मानव श्रृंखला बनाया और मानवाधिकार की सुरक्षा के लिए आवाज उठाने की अपील की.

प्रधानाचार्य विमल कुमार सिंह ने कहा कि मानवाधिकार वे अधिकार हैं जो हमें सिर्फ इसलिए मिले हैं कि हम मनुष्य के रूप में मौजूद हैं. यह किसी राज्य द्वारा प्रदान नहीं किया जाता है. यह सार्वभौमिक अधिकार हम सभी में निहित है. चाहे हमारी राष्ट्रीयता, लिंग, राष्ट्रीय या जातीय मूल्य रंग, धर्म, भाषा या कोई अन्य स्थिति कुछ भी हो, यह सबसे बुनियादी अधिकार जीवन के अधिकार से लेकर उन अधिकारों तक है जो जीवन को जीने लायक बनाती है. उन्होंने कहा कि भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वतंत्रता के अधिकार इसमें निहित है. हमें दूसरों के मानवाधिकारों का भी सम्मान करना चाहिए और उनके लिए खड़ा होना चाहिए. इसके बाद सत्यवाद एवं जमालपुर रोड पर मानवाधिकार जागरूकता के निमित्त मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया. संयोजक प्रदीप शर्मा की अगुआई में स्कूली छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक-शिक्षिकाएं मानव श्रृंखला में शामिल हुए. दूसरी ओर सरस्वती विद्या मंदिर नयागांव जमालपुर के समीप सड़कों पर मानवाधिकार दिवस पर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध विशाल मानव श्रृंखला का बनाया गया. जिसकी अध्यक्षता प्रधानाचार्य राजेश कुमार ने की. मौके पर पवन कुमार मिश्रा, राजीव रंजन, सुरसेन, राकेश, कंचन, प्रियंका, रिंकी, विद्यासागर, प्रदीप कुमार, अभिषेक, राजेंद्र प्रसाद और उत्सव कुमार मौजूद थे.

मानवाधिकार दिवस पर बच्चों ने पीडीआइ में सुधार की बताई आवश्यकता

तारापुर. पारामाउण्ट एकेडमी, तारापुर के सभागार में मंगलवार को मानवधिकार दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया. कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने मानवाधिकार दिवस की अवधारणा और आवश्यकता शीर्षक पर भाषण प्रस्तुत किया. 10वीं की छात्रा पल्लवी ने कहा कि हम विश्व गुरू तो हैं ही, लेकिन नागरिक विकास सूचकांक इंडैक्स में सुधार की आवश्यकता है. आज भी भारत में भुखमरी, बेकारी, अशिक्षा तथा बदतर स्वास्थ्य व्यवस्था कायम है. समारोह के अंत में प्राचार्य उमेश पाठक ने कहा कि संसार में समानता, स्वतंत्रता और भ्रातृतब तथा न्याय को कायम रखने में मानवाधिकार आयोग जैसी संस्था का महत्वपूर्ण योगदान है. मौके पर शिक्षक-शिक्षिकाएं सहित अन्य छात्र-छात्राओं ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये.

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