चाईबासा. सदर (चाईबासा) प्रखंड के करलाजोड़ी गांव में मंगलवार को ग्रामीण मुंडा गोविंद पुरती की अध्यक्षता में ग्राम सभा की बैठक हुई. यहां ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से सामाजिक पर्व-त्योहार वर्ष 2025 का कैलेंडर बनाया. ग्रामीण मुंडा ने बताया कि हमारे आदिवासी हो समाज की परंपरा है कि सारे सगे संबंधियों के साथ गाजे-बाजे जैसे दमा – दुमंग, रूतु -बनम और सामाजिक गीत के साथ पर्व-त्योहार मनाते हैं. परंपरा के मुताबिक, वर्ष 2025 में भी पर्व-त्योहार मनाये जायेंगे. समाज के पर्व-त्योहार में नागपुरी या भोजपुरी गाना पर सख्ती से प्रतिबंध रहेगा. अगर किसी ने नागपुरी या भोजपुरी गीत बजाया, तो उसपर 5000 रुपये जुर्माना लगाया जायेगा.
बैठक में साधु चरण पुरती, सेलाए पुरती, जुंबल पुरती, डोबरो पुरती, कांडे पुरती, लाल सिंह पुरती, जोंको पुरती, चरण पुरती, मानसिंह पुरती, मंगल सिंह पुरती, कैरा हाईबुरू, प्रताप पुरती, दिकु पुरती, सुशील पुरती, मुंगा पुरती, प्रेम पुरती, चोकरो गोप, लक्ष्मी पुरती, माधुरी पुरती, डुने, सिदिऊ, हीरो समेत काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.पर्व-त्योहार की तिथि तय
बैठक में सर्वसम्मति से 2025 को पर्व-त्योहार मनाने की तिथि व दिन निर्धारित किया गया. 29 दिसंबर, 2024 को बोड़ो बोंजी यानि वनभोज कार्यक्रम, 12 जनवरी 2025 को कोलोम ओटाणी, 7 फरवरी 2025 को माघे अनादेर, 12 फरवरी को माघे ओतेइलि, 14 फरवरी 2025 को मरंग माघे पर्व, वर्ष 2025 का पहला बोड़ो बोंजी 23 फरवरी (रविवार), बा पर्व 7 मार्च 2025 (रविवार), बाबा हेर मुट 24 अप्रैल 2025 (गुरुवार), हेरो पर्व 8 अगस्त 2025 (शुक्रवार), बताऊली जोमनामा पर्व 29 अगस्त 2025 (शुक्रवार), 2025 का अंतिम बोड़ो बोंजी 28 दिसंबर (रविवार) को मनाया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है