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Patna News : महिला बैंककर्मी को पीटने वाले ठेकेदार पर हत्या के प्रयास का केस था दर्ज, फिर भी थाने से दे दी गयी जमानत

महिला बैंककर्मी से मारपीट करने वाले ठेकेदार को थाने से ही इस आधार पर बेल दे दिया गया कि उस पर सात से कम सजा वाली धारा लगी है व उसका आपराधिक इतिहास नहीं है, जबकि उस पर पहले से हत्या के प्रयास व आर्म्स एक्स का केस दर्ज है.

संवाददाता, पटना: गांधी मैदान थाने की पुलिस की एक बड़ी लापरवाही सामने आयी है. दरअसल, बैंक अंदर घुस कर महिला स्टाफ से बदसलूकी, जान से मारने की धमकी और मोबाइल छीन कर तोड़ने वाले ठेकेदार राकेश कुमार सिंह को यह कह कर थाने से ही जमानत दे दी गयी कि इस मामले में सात साल से कम सजा की धारा लगी है और कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. लेकिन, ठेकेदार पर गर्दनीबाग थाने में केस दर्ज है. गांधी मैदान के थानाध्यक्ष से जब इस मामले में देर रात कई पत्रकारों ने अभियुक्त को जेल भेजने की पुष्टि करने को कहा, तो उन्होंने सभी से कहा कि उन्हें जेल भेज दिया गया, जबकि थानेदार ने उनके आपराधिक इतिहास की बगैर जांच किये आनन-फानन में उन्हें थाने से जमानत देकर घर भेज दिया. ठेकेदार राकेश कुमार सिंह साधनापुरी स्थित एक अपार्टमेंट में रहता है. छह दिसंबर को वह एग्जीबिशन रोड स्थित केनरा बैंक पहुंचा. कुछ मसले को लेकर महिला बैंककर्मी से उलझ गया. एफआइआर के अनुसार महिला बैंककर्मी को ठेकेदार ने पिस्टल के बल पर धमकाया, उनके साथ नशे में छेड़खानी की, मोबाइल तोड़ दिया और उन्हें जान से मारने की धमकी दी. मामला देर रात गांधी मैदान थाना पहुंचा. ठेकेदार को उसी दिन थाने लाया गया और जमानत दे दी गयी. जमानत मिलने के बाद राकेश द्वारा महिला बैंककर्मी के साथ बदसलूकी का वीडियो एक बार फिर वायरल है.

तीन साल पहले भी ठेकेदार पर हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट का दर्ज हुआ था केस

ठेकेदार पर बीएनएस की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. दर्ज धाराओं में सात साल से कम की सजा का प्रावधान है. बीएनएस में कहा गया है कि अगर किसी मामले में सात साल से कम की सजा का प्रावधान है, तो उसमें पुलिस थाने से जमानत दे सकती है. लेकिन, ऐसे व्यक्ति का आपराधिक इतिहास नहीं होना चाहिए. जबकि ठेकेदार राकेश का आपराधिक इतिहास है. 31 अगस्त, 2021 को ठेकेदार राकेश के खिलाफ गर्दनीबाग थाने में जानलेवा हमला और आर्म्स एक्ट का केस दर्ज किया गया था. राकेश कुमार पर साधनापुर के ही एक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि नशे की हालत में राकेश ने उनके साथ मारपीट की, गाली-गलौज की और उस पर फायरिंग की. हालांकि, वे बाल-बाल बच गये थे.

आर्म्स लाइसेंस रद्द करने के लिए नहीं लिखा गया

मालूम हो कि ठेकेदार के खिलाफ 2021 में ही आर्म्स एक्ट का केस दर्ज किया गया था. इसके बाद भी अब तक उसके लाइसेंस को रद्द करने के लिए नहीं लिखा गया था. हालांकि, महिला बैंककर्मी के साथ हुई घटना के बाद गांधी मैदान थाने की पुलिस ने ठेकेदार के पिस्टल को जब्त कर ली है. अब उसके आर्म्स लाइसेंस को रद्द करने के लिए पुलिस पटना डीएम को लिखेगी.

पिस्टल का लाइसेंस रद्द करने के लिए डीएम को लिखा जायेगा

सिटी एसपी स्वीटी सहरावत ने कहा कि आरोपित ठेकेदार को थाने से जमानत दी गयी है. उसके आपराधिक इतिहास के बारे में बाद में जानकारी मिली है. विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है. पिस्टल का लाइसेंस रद्द करने के लिए डीएम को लिखा जायेगा.

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