23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Saharsa news : कोहरा घना है, जीवन भी अनमोल है, संभल कर चलाएं वाहन

Saharsa news : सड़क सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञ मानते हैं कि कोहरे में सड़क दुर्घटनाओं की आशंका और बढ़ जाती है.

Saharsa news : ठिठुरती सर्दी में वाहन चलाना और अचानक कोहरे की चादर को फाड़ते हुए सड़क पर सामने आनेवाले वाहन से बचना अपने आप में एक चुनौती है. देखा जाये तो सड़क हादसों में जिस तरह से लोग मौत की आगोश में चले जाते हैं, वहां अगर पहले जरा भी सावधानी बरती जाये, तो यह जीवन के लिए राहत भरी हो सकती है.

वाहनों में फॉग लाइट है जरूरी

सड़क सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञ मानते हैं कि कोहरे में सड़क दुर्घटना की आशंका और बढ़ जाती है. सैकड़ों दुर्घटनाओं की जड़ में कोहरा और लापरवाही से गाड़ी चलाना मुख्य रूप से पाया जाता है. सहरसा में भी ऐसी कई दुर्घटनाएं हुई हैं, जो कोहरे के कारण हुईं. ऐसे में जरूरी है कि लोग कोहरे में सड़क पर चलें, तो पूरी सावधानी बरतें. इसलिए ट्रैफिक नियमों का पालन करें और वाहनों की रफ्तार पर भी नियंत्रण रखें. जरा सी सावधानी बरतकर दूसरों की जान के साथ खुद को भी सुरक्षित रख सकते हैं. सड़क पर यमराज बनकर दौड़ते मालवाहक वाहन फिटनेस के मामले में अक्सर फिसड्डी रहते हैं. देखने को मिलता है कि अक्सर व्यावसायिक वाहनों में कोहरे का मौसम आने के बावजूद हेड लाइट, बैक लाइट, फॉग लाइट ढूंढ़ने से भी नहीं मिलता, जबकि फिटनेस में बारीकी से इन्हीं चीजों को देखा जाता है. लापरवाही बरतने के मामले में निजी वाहन मालिक एवं चालक भी पीछे नहीं है. यहां भी जरूरत है समय और मौसम को देखते हुए सावधान होने की, ताकि किसी भी सूरत में चूक नहीं होने पाये.

इंडिकेटर का करें प्रयोग

गाड़ी खराब हो जाती है तो गाड़ी की लाइटें बंद कर दें और ब्रेक के पैडल से अपने पैर हटा लें, क्योंकि कोहरे में अधिकांश लोग आगे जा रही गाड़ी का इंडिकेटर ही देखकर चलते हैं. दुर्घटना से बचाव के लिए गाड़ी से बाहर आकर निकलकर खड़े हों जाएं. कोहरे में सड़क पर सामने सावधानीपूर्वक देखते हुए चलें तथा गाड़ी चलाते समय खाना, पीना, सिगरेट या तेज आवाज में संगीत नहीं सुनें. यदि कोहरा ज्यादा घना दिखायी पड़ रहा हो, तो सुरक्षित स्थान पर गाड़ी रोककर उसे छंटने दें और उसके बाद ही आगे बढ़ें.

गाड़ी चलानेवाले भी समझें अपनी जिम्मेदारी

बख्तियारपुर थानाध्यक्ष अजय पासवान का कहना है कि वाहन चलाते हुए सावधानी बरतना सबसे पहला और सबसे जरूरी कदम है. पुलिस अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन जरूरत है कि गाड़ी चलानेवाले भी अपनी जिम्मेदारी को समझें और नियमों का पालन करें, तो सड़क दुर्घटनाओं में होनेवाली मौतों को बहुत हद तक रोका जा सकता है. चूंकि घना कोहरा इस सीजन में अपना पूरा असर दिखायेगा. इसलिए जरूरी है कि दुर्घटना से देर भली के नियम को समझते हुए सड़क पर अपने वाहन को चलाएं.

स्कूल बस में चलने वाले शिक्षक बरतें एक्स्ट्रा सावधानी

स्कूली बसों के संबंध में थानाध्यक्ष ने कहा कि कोहरे के दिनों में चालक, हेल्पर, कंडक्टर व बस में चलनेवाले शिक्षकों को एक्स्ट्रा अलर्ट रहने की जरूरत है. चालक चेक करें कि बसों में फॉग लाइट, रिफ्लेक्टर, वाइपर प्रॉपर तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं. कहीं समस्या है तो स्कूल प्रशासन को जानकारी दें. पैदल चलने वाले बच्चे और अभिभावक भी यह न सोचें कि पीछे वाला ही आपको बचायेगा. बच्चों को खुद अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए कोहरे के दिनों में फुटपाथ के बिल्कुल किनारे चलना चाहिए. सड़क क्राॅस करते वक्त दूर तक कोई वाहन तो नहीं है, यह देखें. अभिभावक कोहरे के दिनों में अपने बच्चों को स्कूल या बस तक छोड़ने जाएं.

वाहनों में फॉग लाइट लगाएं

घने कोहरे की स्थिति में सड़क पर दायीं तरफ पेंटिट रोड मार्क व डिवाइडर के आधार पर आगे बढ़ें, गाड़ी कभी बीच सड़क पर खड़ी न करें, वाहन को ओवर लोड कर न चलाएं, वाहन की रफ्तार अधिक तेज न रखें, सड़कों पर दिशा सूचक लगाए जाएं, गाड़ी चलाते समय वाहन चालक बात न करें, क्षमता से ज्यादा समय तक वाहन न चलाएं, वाहन चालक सीट बेल्ट का प्रयोग करें, वाहन चलाने के लिए प्रशिक्षण लें, नशा कर वाहन न चलाएं, वाहन चलाते समय धूम्रपान न करें, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न करें, ओवरटेक करते वक्त जल्दबाजी न करें, ट्रैफिक नियमों का पालन करें, वाहनों में म्यूजिक सिस्टम नहीं बजाएं, आंखों के साथ-साथ कान भी खुले रखना जरूरी है.

स्कूली वाहनों पर रखें विशेष ध्यान

कोहरे में स्कूली बस और बच्चों का ध्यान रखें, कोहरे के दौरान स्कूली वाहनों की हेड लाइट हमेशा लो बीम मोड में रखें. इससे घने कोहरे में भी सामने का आवागमन साफ दिखायी देगा. कोहरे के दौरान हमेशा स्कूलों बसों की गति पर प्रधानाचार्य ध्यान दें, कभी भी स्कूली वाहन की गति एक औसत से ज्यादा न हो, सड़क के किनारे लाल पट्टी या फिर बीच में बनी सफेद पट्टी को ध्यान में रखें. पैदल जानेवाले स्कूली बच्चों के लिए यह जरूरी है. पैदल जाते वक्त स्कूली बच्चे फुटपाथ पर भी बिल्कुल किनारे पर चलें. स्कूली वाहन को चलते समय अचानक रोकने के लिए सड़क का किनारा चालक को ध्यान रखना चाहिए और सड़क के बिल्कुल किनारे पर बस रोककर बच्चों को चढ़ाएं व उतारें. वाहनों के पीछे की इंडिकेटर लाइट जलाना बहुत जरूरी है. इससे पीछे से आनेवाले वाहनों को आगे का वाहन चमकता रहेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें