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सीपी से मांगी सात दिनों के अंदर एक्शन टेकेन रिपोर्ट

ऑल इंडिया एससी-एसटी-बीसी इम्प्लॉइज कोऑर्डिनेशन काउंसिल इसीएल इकाई के अध्यक्ष व कल्ला अस्पताल में पंप ऑपरेटर के पद पर कार्यरत रामसागर प्रसाद पर जानलेवा हमले और जातिसूचक शब्दों के साथ भरे बाजार में अपमानित करने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है.

आसनसोल.

ऑल इंडिया एससी-एसटी-बीसी इम्प्लॉइज कोऑर्डिनेशन काउंसिल इसीएल इकाई के अध्यक्ष व कल्ला अस्पताल में पंप ऑपरेटर के पद पर कार्यरत रामसागर प्रसाद पर जानलेवा हमले और जातिसूचक शब्दों के साथ भरे बाजार में अपमानित करने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है. अनुसूचित जाति से जुड़े 21 संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को लेकर विभिन्न जगहों पर पत्र भेजा है. इस बीच भारत सरकार के राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मामले को संज्ञान में लिया है. आयोग की निदेशक सोनाली दत्ता ने पुलिस आयुक्त को पत्र भेजा और मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि पत्र मिलने के सात दिनों के अंदर एक्शन टेकेन रिपोर्ट भेजें. श्री प्रसाद ने अपने ऊपर हुए अत्याचार को लेकर आयोग में भी शिकायत की थी. इसीएल कल्ला अस्पताल के ठेकेदार फटीक मंडल और उसके पुत्र कल्याण मंडल ने आरटीआइ करने का आरोप लगाकर भरे बाजार में रामसागर की बुरी तरह पिटाई की और जातिसूचक शब्दों के साथ अपमानित किया था. जिसके खिलाफ श्री प्रसाद ने आसनसोल नॉर्थ थाना में शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायत के आधार पर ठेकेदार बाप-बेटे के खिलाफ कांड संख्या 564/24 में बीएनएस की धारा 126(2)/115(2)/117(2)/351(2)/3(5) और एससी एंड एसटी (पीओए) एक्ट 1989 की धारा 3(1)(आर)(एस)(टी)(यू) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है. जांच का दायित्व सहायक पुलिस आयुक्त (सेंट्रल-एक) विश्वजीत नस्कर को दिया गया है. सूत्रों के अनुसार आयोग की चिट्ठी आते ही पुलिस ने सभी से पूछताछ शुरू की है. इस दौरान घटना के प्रत्यक्षदर्शी को आरोपी द्वारा डराने की बात सामने आयी है. जिसकी शिकायत भी अधिकारियों से की गयी है.

क्या है पूरा मामला

काउंसिल के अध्यक्ष श्री प्रसाद ने बताया कि वह आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र के कल्ला इलाके में ही रहते हैं. 14 नवंबर की शाम को वह इसीएल कल्ला अस्पताल गेट के सामने एक ज्वेलरी दुकान पर बैठे हुए थे. उसी दौरान अचानक अस्पताल के ठेकेदार फटीक मंडल और उसके पुत्र कल्याण मंडल ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर उन पर हमला कर दिया. काफी भद्दी भाषा में गाली गलौज की. जातिसूचक शब्दों के साथ अपमानित किया. श्री प्रसाद ने कहा कि उन लोगों ने कहा ‘आरटीआइ किये हो, बहुत बड़ा अनुसूचित जाति का नेता हो गये है. आरटीआइ के कारण बिल अटक गया है. आरटीआइ वापस लो.’ वे उनलोगों से बार-बार वे कह रहे थे कि उन्होंने कोई आरटीआइ नहीं की है. लेकिन वे कुछ सुनने को तैयार ही नहीं थे. बुरी तरह से पिटाई कर लहूलुहान हालत में धमकी देते हुए उन्हें छोड़कर चले गये. स्थानीय लोगों ने आसनसोल जिला अस्पताल में उनका उपचार कराया. 15 नवंबर को मेडिकल रिपोर्ट के साथ पुलिस में उन्होंने शिकायत की. जिसके आधार पर 16 तारीख को प्राथमिकी दर्ज हुई.

श्री प्रसाद ने बताया कि काउंसिल के कल्ला अस्पताल शाखा के सचिव रामानंद पासवान ने प्रबंधन के पास आरटीआइ करके यह जानना चाहा है कि पिछले एक साल में कल्ला में सिविल कार्य के लिए कितना फंड आवंटित हुआ है. किन-किन कार्यों के लिए कितना फंड दिया गया है? कितना काम हुआ है? इस मुद्दे पर जानकारी मांगी गयी है. आरटीआइ करना किसी व्यक्ति का मौलिक अधिकार है. जिसके लिए उस पर जानलेवा हमला हुआ और अपमानित किया गया. यह आरटीआइ प्रबंधन के पास किया गया था. यह लीक कैसे हुआ? श्री प्रसाद ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अलावा विभिन्न संगठनों से की है. जिसपर 21 संगठन उनके पक्ष में उतरे और आयोग ने भी मामले को संज्ञान में लेकर पुलिस से एक्शन टेकेन रिपोर्ट मांगी है.

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