राजमहल कोल परियोजना के प्रभावित गांव तालझारी में आदिवासी विधि-विधान से पूर्वजों को याद करते हुए कराम पर्व मनाया गया. पर्व के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर परियोजना के महाप्रबंधक प्रभारी एएन नायक ने ग्रामीण को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आदिवासी प्रकृति के पूजक होते है. पर्व के माध्यम से प्रकृति एवं आदिवासी संस्कृति की झलक दिखायी पड़ती है. उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति एवं धर्म से पहचान होती है.
कभी भी अपनी संस्कृति को नहीं भूलने की सलाह
कभी भी अपनी संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए. पर्व के दौरान भूविस्थापित संघर्ष समिति के सदस्यों द्वारा कराम नृत्य का आयोजन कराया गया. नृत्य में 13 गांवों की टीम ने भाग लिया. नृत्य में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले गांव श्रीपुर को 20 हजार द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले गांव गिलहा को 15 हजार तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले मातकम टोला को 10 हजार रुपये देकर मेल समिति के सदस्यों ने सम्मानित किया. नृत्य में भाग लेने वाले अन्य टीम को सांत्वना पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. मौके पर एपीएम संदेश बडाडे, वीसी सिंह, सोमनाथ चटर्जी, अभिनव बादल, ग्राम प्रधान पुलिस हांसदा, प्रेम लाल आदि उपस्थित थे.
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