Bhubaneswar News: ओडिशा में भाजपा की डबल इंजन सरकार के गठन के छह माह पूरे होने पर गुरुवार को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य में एक प्रमुख कार्यक्रम 800 रुपये की इनपुट सहायता के तहत धान खरीद कार्यक्रम की समीक्षा की. लोकसेवा भवन में धान खरीद व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इन छह महीनों में कई योजनाओं को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया है. महिलाओं के लिए सुभद्रा योजना सहित कई अन्य कार्यक्रम सफलता के साथ लागू किये गये हैं. प्रधानमंत्री किसान और मुख्यमंत्री किसान योजनाओं के साथ 800 रुपये की इनपुट सहायता से धान खरीद व्यवस्था किसानों के सशक्तीकरण में एक महत्वपूर्ण कदम है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम से 17 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे. उन्होंने धान खरीद कार्यक्रम को पूरी दक्षता और त्रुटिरहित तरीके से कार्यान्वित करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी परिस्थिति में किसानों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए.
नौ जिलों के 37,079 किसानों ने बेचा 1,81,196 मीट्रिक टन धान
बैठक के दौरान बताया गया कि 11 दिसंबर तक बरगढ़, नुआपड़ा, संबलपुर, कालाहांडी, बलांगीर, झारसुगुड़ा, नवरंगपुर, सुवर्णपुर और कोरापुट जैसे नौ जिलों में धान खरीद शुरू हो चुकी है. अब तक इन नौ जिलों के 37,079 किसानों ने 1,81,196 मीट्रिक टन धान बेचा है. इन किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में 323.73 करोड़ रुपये और इनपुट सहायता के रूप में 112.61 करोड़ रुपये प्रदान किये गये हैं. अगले 48 घंटों में 93 करोड़ रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य और 32.35 करोड़ रुपये इनपुट सहायता के रूप में वितरित किये जायेंगे. समीक्षा के दौरान वर्चुअल मोड में विभिन्न जिलों के कलेक्टरों के साथ धान खरीद व्यवस्था पर चर्चा की गयी. मुख्यमंत्री ने धान खरीद प्रक्रिया को तेज करने पर विशेष जोर दिया. उन्होंने सोसाइटी स्तर की धान खरीद समितियों को और अधिक सक्रिय बनाने की बात कही. किसानों को अधिक जागरूक बनाने और उनके लिए सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने का सुझाव दिया.
किसानों के लिए कैंटीन, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था करने का सुझाव
कालाहांडी जिले में किसानों के लिए मंडियों के पास कैंटीन, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था की गयी है. अन्य जिलों को भी इसी तरह की व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिये गये. बरगढ़ जिले में मंडियों में धान खरीद की अच्छी निगरानी व्यवस्था की गयी है. केंद्रीय नियंत्रण कक्ष से धान खरीद की लाइव फीड भी आ रही है. मुख्यमंत्री ने अन्य जिलों में भी इस व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू करने का सुझाव दिया. मुख्यमंत्री ने किसानों की शिकायतों के त्वरित समाधान के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में मंडियों में नोडल अधिकारी और मंडी पर्यवेक्षक नियुक्त किये गये हैं. यदि किसानों को किसी प्रकार की शिकायत होती है, तो अधिकारी इसे सुनकर समाधान करेंगे. इससे किसानों का उन पर विश्वास बढ़ेगा. साथ ही दलालों को किसी भी स्थिति में किसानों का फायदा नहीं उठाने देने के लिए उनकी गतिविधियों पर सख्त नजर रखने का निर्देश दिया गया.
टोकन व्यवस्था, टैगिंग, मिलर्स के सहयोग पर हुई चर्चा
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने टोकन व्यवस्था, टैगिंग व्यवस्था, मिलर्स के सहयोग और अन्य विषयों पर चर्चा की. बैठक में उप मुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव, उप मुख्यमंत्री प्रभाती परिडा, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी, निर्माण मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्णचंद्र पात्रा, पंचायती राज एवं पेयजल मंत्री रवि नारायण नायक, सहकारिता मंत्री प्रदीप बल सामंत आदि उपस्थित थे. विकास आयुक्त अनु गर्ग, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव निकुंज बिहारी धल, राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डीके सिंह, पुलिस महानिदेशक वाइबी खुरानिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी चर्चा में शामिल हुए.
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