Bodh Gaya News: अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती को संबोधित करते हुए राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि हमारे लिए गर्व का विषय है कि अहिल्याबाई होल्कर के त्रिशताब्दी समारोह का यह पहला कार्यक्रम है जो गया में आयोजित हो रहा है, जहां उन्होंने विष्णुपद मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था. राज्यपाल ने कहा कि आज के कार्यक्रम से हम सभी कुछ प्रेरणा लेकर जाने वाले हैं. उनका पूरा जीवन देखेंगे तो उनके कृत्यों से ही लगता है कि वे लोकमाता थीं. उन्होंने पूरा जीवन अपने लिए नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण के कार्यों में लगाया था. राज्यपाल ने कहा कि हमारे देश में नारी का सम्मान क्या है, यह लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के जीवन चरित्र से देखा जा सकता है, जबकि पश्चिमी देशों द्वारा हमारे देश के विरुद्ध हमेशा एक नकारात्मक एजेंडा चलाया जाता है कि यहां नारी का शोषण सदियों से किया जाता रहा है.
बोधगया में मनाया गया अहिल्याबाई होल्कर का त्रिशताब्दी समारोह
इस बात का मिथक फैलाया जाता है और यहीं का एक वर्ग इसे सामाजिक और राजनीतिक एजेंडा बनाते हैं. हमारे बीच मातृशक्ति के सम्मान और कृतियों की चर्चा नहीं की जाती है. उन्होंने कहा कि 2047 में हमारे देश के स्वतंत्रता का 100 वर्ष पूरा होगा व उसके अनुरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस देश के विकास का लक्ष्य निर्धारित किया है. यह लक्ष्य स्वप्न नहीं है. उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के जीवन चरित्र का पठन करें. उन्होंने कुलपति से अनुरोध किया कि अहिल्याबाई होल्कर के नाम से मगध विश्वविद्यालय में पीठ की स्थापना जाये व राजभवन उसमें सहयोग करेगा. गुरुवार को महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित समारोह में भारत माता की जय व लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की जयकार से गुंजता रहा.
टीपू सुल्तान के राज्य में भी मंदिर का कराया था निर्माण
समारोह की सचिव माला ठाकुर ने कहा कि भारत की अखंडता तभी रहेगी जब सब इसकी चिंता करेंगे. उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने भारत के पुनर्जागरण का कार्य किया था. उन्होंने देश के सांस्कृतिक समृद्धि व मंदिरों के पुनर्निर्माण का कार्य किया था. इतना ही नहीं, टीपू सुल्तान के राज्य में जाकर भी मंदिर का निर्माण कराया था. यह सामान्य साहस की बात नहीं है. अलका दास ने अहिल्याबाई होल्कर की मधुबनी पेंटिंग से सुसज्जित तस्वीर भेंट की थी. इस मौके पर राष्ट्रीय सेविका समिति की कार्रवाई प्रियंका कुमारी ने कार्यक्रम को संबोधित किया. मंच संचालन डॉ दीपशिखा ने की और विष्णुपद मंदिर के मुख्य पुजारी देवनाथ मेहरवार ने धन्यवाद ज्ञापन किया. विष्णुपद मंदिर प्रबंध कारिणी समिति के सदस्य बच्चू लाल चौधरी, मणिलाल बारिक और अहिल्याबाई होल्कर के पुरोहित स्वामी वेंकट प्रपन्नाचार्य ने राज्यपाल को अंग वस्त्र भेंट किया.
अहिल्याबाई होल्कर के फोटो पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ
मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शशि प्रताप शाही मंच पर मौजूद थे व अतिथियों को शॉल व मेमेंटो भेंट कर स्वागत किया. विश्वविद्यालय परिवार की छात्राओं ने स्वागत गीत से मन को मोहा. दीप प्रज्वलित कर व अहिल्याबाई होल्कर के फोटो पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. राजभवन के नेतृत्व में आयोजित समारोह को मगध विश्वविद्यालय, विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति , रामानुजाचार्य मठ व अन्य सामाजिक संस्थाओं द्वारा सहयोग किया गया. महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित समारोह में मगध विवि व कॉलेजों के छात्र-छात्राएं व शिक्षक-कर्मचारी मौजूद रहे. छात्र-छात्राओं द्वारा देवी अहिल्याबाई पर बनाये चित्रों की प्रदर्शनी लगायी गयी व मिथिला चित्रकार अलका दास द्वारा बनायी गयी मिथिला चित्रकला के माध्यम से भी देवी अहिल्याबाई के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को प्रदर्शित किया गया, जिसका अवलोकन राज्यपाल ने किया.