पुरुलिया.
जिले के अधिकांश ग्राम पंचायत इलाकों में ‘बांग्लार बाड़ी’ आवास योजना की सूची प्रकाशित हो चुकी है. इस बीच कई स्थानों में इस सूची में नाम नहीं रहने से स्थानीय गांव वालों में प्रशासन के प्रति काफी रोष देखा गया है. इन सब के बीच एक अलग नजारा देखा गया जिले के पुचा प्रखंड के लालपुर गांव में. यहां के एक व्यक्ति का नाम भी आवास योजना की सूची में शामिल नहीं है. उल्लेखनीय है कि इस गांव में देशवाली माझी संप्रदाय के लगभग 50 परिवार रहते हैं. ये सभी गरीबी रेखा से नीचे अपना जीवन गुजारते हैं. अधिकांश पुरुष जिले में नहीं बल्कि अन्य जिलों में मजदूरी करने जाते हैं. महिलाएं भी मजदूरी कर अपना संसार चलाती हैं. गांव में रहने वाले अधिकांश लोगों का कहना है आवास योजना के तहत उन्होंने कई बार आवेदन किया है. लेकिन उन्हें आज तक घर नहीं मिला है. स्थानीय निवासी अलका माझी व रमेश माझी ने बताया कि वे किसी तरह से मजदूरी कर अपना गुजारा करते हैं. उन्हें उम्मीद थी कि आवास योजना के तहत सरकार से उन्हें आवास प्राप्त होगा.इसलिए उन्होंने आवेदन भी किया था. गांव के अधिकांश घर मिट्टी के हैं. कहीं पुआल से छत बनी है तो कहीं पत्तों से तो छत बनाया गया है. खपरैल के घर भी हैं. कुछ घरों की हालत तो ऐसी है बारिश के समय उसमें रहना भी मुश्किल हो जाता है. इसलिए आवास योजना के तहत आवास के लिए उन्होंने आवेदन किया था. लेकिन जो सूची प्रकाशित हुई है उसमें गांव के एक व्यक्ति का नाम भी शामिल नहीं है. गांव वालों का यहां तक दावा है कि घर तो दूर की बात है बारिश के दौरान सरकारी रूप से मुक्त में जो तिरपाल दिया जाता है वह भी उन्हें नसीब नहीं होता है. इस विषय में पूंचा प्रखंड विकास अधिकारी दीप चट्टोपाध्याय ने कहा कि आवास योजना के तहत नयी सूची प्रकाशित हुई है. अगर इस सूची में जरूरतमंद लोगों का नाम शामिल नहीं है तो वे लोग पुन: आवेदन कर सकते हैं और सरकार उस पर विचार करेगी.
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