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जमुड़िया : नाबालिग बहुओं के मां बनते ही घर में छा रहा मातम

जमुड़िया थाना क्षेत्र के तीन नंबर पंप हाउस इलाके के निवासी 20 वर्षीय युवक पर बीएनएस की धारा 64, पॉक्सो एक्ट की धारा 4/6 और बाल विवाह निषेध अधिनियम की धारा नौ के तहत मामला दर्ज हुआ. इस युवक ने नाबालिग लड़की के साथ शादी की थी और उसके मां बनते ही पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेकर मामले में प्राथमिकी दर्ज की है.

आसनसोल/जामुड़िया.

जमुड़िया थाना क्षेत्र के तीन नंबर पंप हाउस इलाके के निवासी 20 वर्षीय युवक पर बीएनएस की धारा 64, पॉक्सो एक्ट की धारा 4/6 और बाल विवाह निषेध अधिनियम की धारा नौ के तहत मामला दर्ज हुआ. इस युवक ने नाबालिग लड़की के साथ शादी की थी और उसके मां बनते ही पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेकर मामले में प्राथमिकी दर्ज की है. आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीस) के 17 थाना क्षेत्रों में इस तरह के सबसे अधिक कुल नौ मामले जामुड़िया थाने में ही दर्ज हुए हैं. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अधिकांश मामले आदिवासियों पर ही दर्ज हो रहे हैं. जागरूकता के अभाव के कारण ये लोग अपनी बच्चियों की शादी कम उम्र में कर दे रहे हैं और उनके मां बनते ही कानून के दायरे में पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर रही है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सभी फरार हो गये हैं, जिसके कारण उनकी गिरफ्तारी नहीं हो रही है और 60 दिनों के अंदर मामलों में चार्जशीट अदालत में जमा दिया जा रहा है.

गौरतलब है कि नाबालिग बच्चियों के मां बनने को लेकर एडीपीसी में 14 जून 2024 से अबतक कुल 11 मामले दर्ज हुए हैं. एडीपीसी के 17 थानों में से दो मामले आसनसोल नॉर्थ में और नौ मामले जामुड़िया में हुए हैं. 11 में से आसनसोल नॉर्थ थाने में दर्ज एक मामले में लड़की के माता-पिता को आरोपी बनाया गया है, बाकी के 10 मामलों में नाबालिगों के पतियों को आरोपी बनाया गया है. इन मामलों से इलाकों दहशत मची है. जिसके घर में भी नाबालिग बहु है, उनके होश उड़े हुए हैं.

वर्तमान समय में किसी भी गर्भवती महिला की डिलीवरी अस्पताल में ही होती है. घरों में अब डिलीवरी नहीं होती. क्योंकि अस्पताल में जन्म नहीं होने से बर्थ सर्टिफिकेट मिलना मुश्किल है. इसलिए डिलीवरी के लिए अस्पताल में आना ही पड़ता है. जैसे ही नाबालिग लड़की बच्चे को जन्म देने के लिए अस्पताल में दाखिल होती है तो उसे अपना कोई पहचान पत्र दिखाना होता है. उसमें उसकी उम्र का भी उल्लेख रहता है. जैसे ही उम्र 18 वर्ष से कम दिखती है, तुरंत इसकी सूचना अस्पताल से स्थानीय पुलिस थाने को दी जाती है. लड़की जिस इलाके की रहती है स्थानीय थाने से मामले को उस थाने को अग्रेसित कर दिया जाता है. जहां के पुलिस अधिकारी जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज करते हैं.

17 वर्ष की उम्र में 17 नवंबर को नाबालिग ने दिया बच्ची को जन्म, दर्ज हुआ मामला

जमुड़िया थाना क्षेत्र के निवासी 20 वर्षीय युवक की नाबालिग पत्नी ने गत 17 नवंबर को आसनसोल जिला अस्पताल में एक पुत्री को जन्म दिया. नाबालिग के गर्भवती हालत में अस्पताल के दाखिल होते ही पुलिस को सूचित किया गया. जामुड़िया थाने के सहायक अवर निरीक्षक मृण्मय होता ने मामले की जांच की. जांच में उन्होंने पाया कि नाबालिग लड़की बच्चे को जन्म देने के लिए 12 नवंबर को अस्पताल में दाखिल हुई और 17 नवंबर शाम पौने चार बजे उसने एक बच्ची को जन्म दिया. मां बनी लड़की के आधार कार्ड व अन्य जरूरी दस्तावेजों से पता चला कि मां बनने के दौरान उसकी उम्र 17 वर्ष है. एक वर्ष पहले 16 वर्ष की उम्र में उसकी शादी हुई थी. जिसके आधार पर श्री होता कि शिकायत पर लड़की के पति के खिलाफ दो दिन पहले प्राथमिकी दर्ज हुई. युवक फरार है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नाबालिग लड़की के साथ शादी के बाद भी शारीरिक संबंध बनाना अपराध है और उसके खिलाफ पॉक्सो व रेप के तहत मामला दर्ज होता है.

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