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hajipur news. शिलान्यास के 13 साल बाद भी नहीं हुआ सीड प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण

16 जनवरी 2010 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चकवारा पहुंचकर की थी योजना की घोषणा, नवंबर 2011 में तत्कालीन पशुपालन मंत्री ने किया था शिलान्यास

हाजीपुर. फूलगोभी बीज उत्पादन के लिए देश भर में मशहूर हाजीपुर में इस साल भी सीड प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण नहीं हो सका. शिलान्यास के 13 साल बीत जाने के बाद भी बीज प्रसंस्करण इकाई की स्थापना नहीं होने से यहां के फूलगोभी बीज उत्पादक मायूस हैं. नगर के चकवारा में सीड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना होनी थी. सरकार ने इसके लिए 50 लाख रुपये की राशि भी आवंटित कर दी थी. भवन निर्माण विभाग से नक्शा भी पास हो गया था. उसके बाद शिलान्यास भी हो गया, लेकिन आज तक यह योजना आकार नहीं ले सकी. 16 जनवरी 2010 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चकवारा पहुंचकर निर्माण की घोषणा की थी. उन्होंने कृषि उत्पादन आयुक्त व राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति को सीड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना का निर्देश दिया था. उसके बाद नवंबर, 2011 में तत्कालीन पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह तथा कबीना मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा ने इसका शिलान्यास किया था. 29 नवंबर, 2011 को चकवारा में फूलगोभी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कृषि विभाग के सचिव समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे थे. तब से हाजीपुर के बीज उत्पादक किसान इस बीज प्रक्षेत्र में प्रोसेसिंग यूनिट के स्थापित होने का इंतजार ही कर रहे हैं.

यहां के बीज से बीएयू, सबौर ने अग्रिम प्रजाति की विकसित

नगर का चकवारा, लोदीपुरी, मीनापुर व इसके आसपास का इलाका फूलगोभी बीज उत्पादन के लिए देश भर में प्रसिद्ध है. आगत किस्म के फूलगोभी बीज उत्पादन के लिए चकवारा की पहचान दूर-दूर फैली है. चकवारा स्थित अन्नदाता कृषि क्लब के सचिव संजीव कुमार बताते हैं कि यहां के किसानों द्वारा उत्पादित बीज से बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर ने अग्रिम प्रजाति विकसित की, जो सबौर अग्रिम वेराइटी के नाम से जानी जाती है. फूलगोभी बीज के मामले में सबौर अग्रिम वेराइटी को सेंट्रल वेराइटी रिलीज कमेटी ने भी अनुमोदित किया. यहां के बीज उत्पादक किसानों का कहना है कि सीड प्रोसेसिंग यूनिट लग जाने से बीज की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलेगी. साथ ही प्रसंस्करण की आधुनिक सुविधाएं भी प्राप्त होगी. राकेश कुमार मुन्ना, राजीव रंजन, प्रदीप कुशवाहा, रवि कुमार चौधरी, द्वारिका सिंह समेत अन्य किसानों ने बीज प्रसंस्करण इकाई का यथाशीघ्र निर्माण कराने की मांग की. राष्ट्रपति पुरस्कार पाने वाले युवा किसान संजीव कुमार ने बताया कि चकवारा में जिस जमीन पर सीड प्रोसेसिंग यूनिट का शिलान्यास हुआ था, वह आगे चलकर विवादित हो गयी. इसके बाद नगर के हरिवंशपुर में जिला निबंधन कार्यालय के समीप जमीन की व्यवस्था हुई, लेकिन वहां भी पैमाइश के बाद पेच फंस गया और योजना अधर में रह गयी. फिर जिलाधिकारी यशपाल मीणा के निर्देश पर सदर प्रखंड के सेंदुआरी में बीज प्रसंस्करण इकाई की स्थापना के लिए जमीन उपलब्ध करायी गयी है. जमीन तो मिल गयी, लेकिन इसका निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका है.

जमीन की व्यवस्था हो गयी है, जल्द शुरू होगा काम

जमीन की समस्या के कारण सीड प्रोसेसिंग यूनिट के निर्माण का कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा था. अब यह समस्या दूर हो गयी है. जिलाधिकारी की पहल से सदर प्रखंड के सेंदुआरी में जमीन की व्यवस्था हो गयी है. आगे की प्रक्रिया चल रही है. निर्माण कार्य भी जल्द शुरू हो जायेगा.

शशांक कुमार

, जिला उद्यान पदाधिकारी

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