पूसा : कर्नाटक प्रांत के बेंगलुरु में खुदकुशी करने वाले वैनी थाना क्षेत्र के पूसा रोड निवासी एआई इंजीनियर अतुल सुभाष का संस्कार कर परिजन वापस घर लौट आये हैं. उनके चेहरे पर अपने को खोने का दर्द छलक रहा है. मृतक की मां अंजू देवी, पिता पवन मोदी, भाई विकास मोदी के अलावा दाह-संस्कार कर लौटे लोग गुरुवार को स्थानीय आवास पर बात करते-करते रोने लगे. इस दौरान जौनपुर न्यायालय में चल रहे मामले को लेकर कहा कि जौनपुर के न्यायिक सिस्टम ने उनके लाल की जान ले ली है. इसी वजह से अतुल आत्महत्या करने के लिए मजबूर हुआ. आत्महत्या से पहले अतुल ने 1.21 घंटे का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला है. इसमें उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल पक्ष के पांच लोगों पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. इंजीनियर ने ससुराल पक्ष के लोगों पर कार्रवाई की मांग करते हुए इंसाफ मांगा है. उसने मरने के से पहले जो टी- शर्ट पहन रखी थी, उस पर भी जस्टिस इज ड्यू लिखा है. बकौल मृतक के पिता उनसे वीडियो में यह भी कहा कि मरने के बाद भी इंसाफ न मिले तो अस्थियां कोर्ट के सामने गटर में बहा दी जाये. बताया कि उसकी शादी उत्तर प्रदेश के जौनपुर की निकिता सिंघानिया से वर्ष 2019 में हुई थी. शादी के कुछ समय बाद निकिता अचानक बेंगलुरु छोड़कर जौनपुर लौट गई. पति समेत ससुराल वालों पर दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का केस दर्ज करा दिया. अतुल ने अपनी मौत से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा. डेढ़ घंटे का एक वीडियो बनाया. इसमें उसने अपनी पीड़ा व्यक्त किया. कहा कि मुकदमे की वजह से उसे बेंगलुरु से जौनपुर आना पड़ता था. वीडियो में दावा किया कि कोर्ट में 120 तारीखें लग चुकी हैं. पेशी के लिए वह 40 बार खुद बेंगलुरु से जौनपुर आ चुके हैं. उनके माता पिता को भी चक्कर काटने पड़ रहे हैं. पीड़ित ने इसके लिए पत्नी, सास, साले और पत्नी के चाचा को जिम्मेदार ठहराया. मृतक के रिश्तेदार और ग्रामीण दोषी पर सख्त कार्रवाई और न्यायिक व्यवस्था में सुधार की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि अब न्यायालय पर परिजनों की निगाहें टिकी है. देखते हैं कि कब तक न्याय मिल पाता है. मौके पर मौजूद आरजेडी प्रखंड अध्यक्ष मनोज राय, मुकेश ठाकुर, कृष्ण कुमार आदि लोग रोते-बिलखते परिजन को ढांढस बंधाया.
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