फिटकोरिया पंचायत के धोबनी गांव के ग्रामीणों ने पानी समस्या से त्रस्त होकर गुरुवार को गांव में बने पानी टंकी के पास विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पेयजल व स्वच्छता विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. कहा है शीघ्र विभाग इस टंकी को शुरू कर गांव में पानी की व्यवस्था नहीं करा है, तो ग्रामीण धरना प्रदर्शन को बाध्य होंगे. इधर, संवेदक और विभाग की लापरवाही से परेशान ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी इस बात की जानकारी देते हुए आवश्यक पहल की मांग की है.
क्या है मामला
धोबनी गांव में नल जल योजना के तहत जलापूर्ति के लिए तीन टंकी का निर्माण कराया गया है. गांव में बनी दो टंकी चालू हालत में है, जबकि बीच बस्ती की टंकी को बने एक साल हो जाने के बाद भी इसे चालू नहीं किया गया है. उक्त टंकी से गांव के पांच सौ की आबादी लाभान्वित होती. कार्य की जिम्मेदारी लिए संवेदक ने उक्त स्थल पर बोरिंग के बाद टंकी खड़ी कर दी है. गांव में पाइपलाइन भी बिछायी गयी है. हालांकि, अब भी कई घरों में नल की टोटी नहीं लगायी गयी है. इधर, ग्रामीणों का कहना है कि पानी चालू करने के लिए संवेदक ने पुरानी मोटर भी लगायी, लेकिन वह एक दिन भी जलापूर्ति नहीं हुई. एक साल बीतने के बाद भी संवेदक ने इसे चालू करने की दिशा में काम नहीं किया. ग्रामीणों के अनुसार पानी चालू करने की मांग के बाद भी संवेदक व विभाग लोगों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है.ग्रामीणों ने किया विरोध
गुरुवार की दोपहर स्थानीय वार्ड सदस्य सुखदेव कोल, ग्रामीण भीमलाल सिंह, डेविड कोल, शंभु सिंह, प्रमिला देवी, पीतांबर सिंह, सिकंदर सिंह, दासो सिंह, आजाद अंसारी सहित कई ग्रामीण पानी टंकी के पास पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया. कहा कि पानी टंकी बनाकर ग्रामीणों को बेवकूफ बनाया गया है. वह आज भी दूर से पानी लाने को विवश हैं. बरसात व गर्मी के मौसम को झेलकर अब ठंड में भी दूर से पानी ला रहे हैं. वहीं, प्राथमिक विद्यालय धोबनी के बच्चों को भी पानी नहीं मिल रहा है. विद्यालय के अलावा गांव के कई चापाकल भी खराब पड़े हैं. ऐसे में पानी के लिए ग्रामीणों को हो रही परेशानी पर संवेदक और विभाग ने चुप्पी साध रखी है. कहा है शीघ्र पानी आपूर्ति को चालू नहीं करने पर आंदोलन किया जायेगा.क्या कहते हैं कनीय अभियंता
इस संबंध में कनीय अभियंता राज आनंद का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. जल्द ही इसकी जांच कराकर जलापूर्ति शुरू की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है