20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

East Singhbhum : पांच पांडव के पांव के निशान देखने आते हैं पर्यटक

घाटशिला : वनवास के दौरान पांच पांडव में ठहरे थे कुंती पुत्र

घाटशिला. घाटशिला प्रखंड की झाटीझरना पंचायत क्षेत्र में काशीडांगा शिव मंदिर है. यहां पहाड़ों व जंगलों के बीच से होकर जाना पड़ता है. कहा जाता है कि हजारों वर्ष पूर्व पांच पांडव अपनी माता कुंती के साथ वनवास के दौरान यहां पहुंचे थे. यहां शिवलिंग की स्थापना कर पूजा की थी. पांच पांडव जहां ठहरे थे, वहां पत्थर पर उनके पांव के निशान बने हैं. इस जगह को प्रकृति ने अपनी कला से सजाया है. इसके आनंद उठाने कोलकाता समेत अन्य राज्यों के पर्यटक आते हैं. आसपास के लोगों ने यहां एक काली मंदिर का निर्माण कराया है.

पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करेगा विभाग

सुवर्णरेखा नदी के किनारे पांच पांडव स्थित है. झारखंड पर्यटन विभाग ने इसी साल पांच पांडव समेत जिले के 17 स्थलों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है. हालांकि, अबतक इस दिशा में काम शुरू नहीं हुआ है. यहां आने वाले पर्यटक पांडवों के पांवों के निशान देखते हैं. यह स्थल ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व का है, जहां करीब 10,000 साल पुरानी चट्टानें हैं.

कैसे पहुंचें पांच पांडव

जमशेदपुर से पांच पांडव की दूरी सड़क मार्ग से लगभग 50 किलोमीटर है. जमशेदपुर से कार या बाइक से फूलडुंगरी पहुंचने के बाद घाटशिला प्रखंड से सीधे ओवर ब्रिज होते हुए मऊभंडार आयें. यहां से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर पांच पांडव है. दाहीगोड़ा हनुमान मंदिर सड़क होते हुए कोई भी व्यक्ति रिक्शा या टेंपो से पांच पांडव पहुंच सकता है. कोलकाता से अगर कोई भी व्यक्ति ट्रेन से आता है तो घाटशिला रेलवे स्टेशन उतरता है तो रेलवे स्टेशन से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर टेंपो या रिक्शा से पांच पांडव पहुंच सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें