पीरीबाजार. थाना क्षेत्र अंतर्गत नक्सल प्रभावित चौरा राजपुर पंचायत के तुमनी में हो रहे पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य लगातार हो रहे विरोध के बाद रुका हुआ है. बता दें कि पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य लगभग दो करोड़ 88 लाख रुपये की राशि से किया जाना था. संवेदक द्वारा एक माह पहले जमीन का भूमि पूजन किया गया. मशीन से मिट्टी कटाई करने के साथ ही पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ. इसके साथ ही संवेदक के द्वारा लगभग 6 से 7 लाख रुपये का कार्य किया जा चुका है. वहीं निर्माण की सूचना मिलते ही लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. लोगों का कहना है कि पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य पंचायत मुख्यालय राजपुर में ही होना चाहिए. ग्रामीणों के विरोध के चलते सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना पर ग्रहण लगता दिखने लगा है. अब लगातार लोगों में इस बात की चर्चा है कि आखिर पंचायत सरकार भवन का निर्माण चौरा के तुमनी में होगा या फिर पंचायत के मुख्यालय, जो लोगों का मानना है कि राजपुर में है वहां होगा.
डीएम मिथिलेश मिश्रा के चौरा राजपुर पंचायत के भ्रमण करने के बाद लगातार मामला तुल पकड़ चुका है. बता दें कि डीएम के द्वारा लोगों की शिकायत के बाद कहा गया था कि पूर्व की जांच रिपोर्ट उनके सामने प्रस्तुत की जाये. वहीं ग्रामीणों ने बताया कि सूर्यगढ़ा अंचलाधिकारी के द्वारा एक आवेदन प्रेषित कर भूमि सुधार उपसमाहर्ता लखीसराय को भेजा गया था. इसमें भू-हस्तांतरण वाद संख्या 02/2023-24 के तहत बताया गया कि चौरा राजपुर पंचायत में पंचायत सरकार भवन निर्माण के लिए राजस्व कर्मचारी के द्वारा भूमि का जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया है. इसके आलोक में मौजा व थाना संख्या राजपुर 83 खाता 3 खसरा 1151 के तहत पंचायत सरकार भवन के लिए प्रस्तावित रकवा भी दर्ज है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि जब राजपुर में पंचायत सरकार भवन के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध है, तो मुखिया प्रतिनिधि के द्वारा मनमाने तरीके से अपने आवास के करीब पंचायत सरकार का भवन निर्माण कार्य क्यों करवाया जा रहा है.बोले पंचायत वासी
वर्ष 1978 के करीब सरस्वती देवी ने पंचायत के विकास के लिए जमीन दान दी थी. 1983 के परिसीमन के बाद राजपुर में चौरा को जोड़ा गया. तब से पंचायत का नाम राजपुर चौरा ग्राम पंचायत हुआ. इसका मुख्यालय राजपुर ही है. जहां तक पंचायत सरकार भवन की बात है, तो राजपुर में पर्याप्त मात्रा में जमीन भी उपलब्ध है. पंचायत मुख्यालय राजपुर में ही पंचायत सरकार भवन का निर्माण होना चाहिए. इसके साथ ही लोग पंचायत को चौरा राजपुर बता रहे हैं, जबकि निर्वाचन पदाधिकारी के द्वारा जनप्रतिनिधि को दिये जाने वाले प्रमाण पत्र में राजपुर चौरा ग्राम पंचायत दर्ज है. पंचायत का नाम राजपुर चौरा ही होना चाहिए.विश्वेश्वर सिंह, ग्रामीण
आबादी के अनुसार भी पंचायत के कुल 14 वार्ड में से कुल 10 वार्ड राजपुर मुख्यालय के आसपास ही है. मतदाता सूची के अनुसार 10 वार्ड में 4682 मतदाता हैं. साथ ही बाकी चार वार्डों में 2419 मतदाता ही हैं. राजपुर में प्रखंड मुख्यालय होने से पंचायत के समस्त लोगों को काफी सहूलियत होगी. जहां पंचायत सरकार भवन का कार्य किया जा रहा है, उक्त स्थल पर जाने के लिए लोगों को आठ किलोमीटर जाना होगा. मुख्यालय राजपुर में ही पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य होना चाहिए.नीरज कुमार, ग्रामीण
एक ओर सरकार नक्सल क्षेत्र के लिए विकास का कार्य कर रही है. वहीं तुमनी में कार्य अवरुद्ध होने के कारण लोग आक्रोश में हैं. लंबे समय से पंचायत का मुख्यालय चौरा ही है. इस अनुसार चौरा में ही पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य होना चाहिए.संतोष कोड़ा, पूर्व मुखिया
राजपुर को मुख्यालय बताया जा रहा है. वह उस समय का मुख्यालय है जब लोसघानी तथा चौरा संयुक्त रूप से था. 20 वर्षों से राजपुर में कोई कार्य नहीं हो रहा है. इसके साथ ही सरस्वती देवी के द्वारा जो जमीन दान में दी गयी है. वह स्कूल संबंधित कार्य के लिए दे दिया गया है. वहीं ऑनलाइन पर मुख्यालय चौरा मौजा ही दिखता है. 8 फरवरी 2022 को सर्वसम्मति से एक बैठक बुलाकर समस्त जनप्रतिनिधियों के सामने सहमति से चौरा मौजा में पंचायत सरकार भवन निर्माण करने की सहमति मिली थी.सुनील बिंद, मुखिया प्रतिनिधिB
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