रांची. गुमला जिले के सिसई प्रखंड की लकेया पंचायत की मुखिया सुगिया देवी के पति मोती उरांव पर जालसाजी कर अपने नाम ‘प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण)’ स्वीकृत करा कर पैसों की निकासी का आरोप लगा है. जांच में मामला सत्य पाये जाने के बाद उपायुक्त करन सत्यार्थी ने मुखिया पति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. वहीं, मुखिया के वित्तीय अधिकार जब्त कर उप मुखिया को देने का आदेश दिया है. साथ ही मुखिया को पदमुक्त करने की अनुशंसा की है.
मुखिया पति ने अपने हमनाम के नाम पर स्वीकृत कराया आवास
लकेया पंचायत की मुखिया सुगिया देवी के पति मोती उरांव द्वारा की गयी जालसाजी की शिकायतें मिलने पर उसकी जांच करायी गयी. इसमें पाया गया कि वर्ष 2016-17 में सुगिया देवी पंचायत प्रतिनिधि थीं. उस वक्त उनके पति मोती उरांव (पिता-छतर उरांव) के नाम पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण)’ के तहत एक आवास स्वीकृत किया गया था. योजना के तहत मिली राशि से उन्होंने आवास का निर्माण कराया. इसके बाद वर्ष 2020-21 में मुखिया पति ने अपने हमनाम मोती उरांव के नाम पर पुन: एक आवास स्वीकृत कराया. इसके बाद नये स्वीकृत आवास का भौतिक सत्यापन करने के लिए उन्होंने पहले से बने अपने मकान की जियो टैगिंग करायी और योजना के तहत आवंटित राशि की निकासी कर ली.
जांच रिपोर्ट के आधार पर उपायुक्त ने सुनाया आदेश
जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने दिसंबर 2024 में इस मामले की जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी. इस रिपोर्ट के आलोक में उपायुक्त ने मुखिया पति और ब्लॉक कोऑर्डिनेटर पर प्राथमिकी दर्ज करने तथा पंचायत सेवक दानिश अंसारी व मुकर्रम अंसारी की सेवा समाप्त करने का आदेश दिया है. वहीं, मुखिया की वित्तीय शक्तियों पर पाबंदी लगाने का आदेश दिया है. साथ ही पंचायती राज अधिनियम में निहित प्रावधानों के आलोक में मुखिया को पद मुक्त करने की अनुशंसा की है.
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