धनबाद.
आइआइटी आइएसएम में गुरुवार से आइआइटी अंतरराष्ट्रीय संबंध (आइआर) कॉन्क्लेव 2024 की शुरुआत टेक्समिन हॉल में की गयी. कॉन्क्लेव भारत में उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. यह कॉन्क्लेव संस्थान के शताब्दी वर्ष समारोह की तैयारियों का हिस्सा है. इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि इडीसीआइएल इंडिया के कार्यकारी निदेशक डॉ बी चंद्रशेखर व सम्मानित अतिथि विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक अरिंदम भट्टाचार्य ने किया. अध्यक्षता संस्थान के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने की. इसमें देशभर से 19 आइआइटी के प्रतिनिधि व उनके अंतरराष्ट्रीय कार्यालयों के सदस्यों ने हिस्सा लिया. कॉन्क्लेव का विषय ””स्टडी इन इंडिया”” है. मुख्य अतिथि डॉ चंद्रशेखर ने अपने संबोधन में ””स्टडी इन इंडिया”” पहल की चर्चा की. उन्होंने कहा कि यह पहल भारत में विदेशी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व प्रवेश से लेकर वीज़ा प्रक्रिया तक व्यापक समर्थन प्रदान करती है. जिससे अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए भारत एक पसंदीदा गंतव्य बनेगा. अरिंदम भट्टाचार्य ने विदेशी छात्रों के लिए उपलब्ध विभिन्न छात्रवृत्तियों व पश्चिमी देशों से छात्रों को आकर्षित करने की चुनौतियों पर प्रकाश डाला. प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा कि भारत की समृद्ध संस्कृति, ज्ञान और इतिहास अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करता है. डीन प्रो आरएम भट्टाचार्य ने सम्मेलन को “विचारों का संगम ” बताया. कहा कि यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने और भारत को उच्च शिक्षा के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाएगा. मौके पर संस्थान के प्रतिनिधि व अन्य प्रोफेसर आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है