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शुक्रवार को दलाल पथ क्यों हुआ लाल? 1000 अंक से अधिक टूटा सेंसेक्स

Market Down: चीन की प्रोत्साहन योजनाओं पर अनिश्चितता के कारण मेटल कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट आई, जो व्यापार में सबसे अधिक 2% से अधिक की गिर गए. हालांकि सभी 13 प्रमुख क्षेत्रों में गिरावट आई.

Market Down: कारोबारी सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार 13 दिसंबर 2024 को शुरुआती कारोबार से ही सेंसेक्स और निफ्टी में जोरदार गिरावट देखी जा रही है. गिरावट के साथ खुलने वाला बीएसई सेंसेक्स सुबह के 11 बजे से पहले तक 1000 अंक से अधिक गिरकर कारोबार करता दिखाई दिया. बीएसई सेंसेक्स 10.50 बजे के आसपास 1030.56 या 1.27% टूटकर 80,259.40 अंक पर पहुंच गया. एनएसई निफ्टी भी 311.05 अंक या 1.27% का गोता लगाकर 24,237.65 अंक पर कारोबार करता दिखाई दिया.

क्यों गिरा शेयर बाजार

वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण सभी सेक्टर में व्यापक बिकवाली के कारण गिरावट आई. यह कमजोरी दूसरे एशियाई बाजारों के बाद आई है, जिन्होंने आज सुबह कई फैक्टर्स के कारण भारी गिरावट दर्ज की. इसमें मजबूत डॉलर, अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में वृद्धि और चीनी अर्थव्यवस्था में निराशा शामिल है.

मेटल शेयरों में तेज गिरावट

चीन की प्रोत्साहन योजनाओं पर अनिश्चितता के कारण मेटल कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट आई, जो व्यापार में सबसे अधिक 2% से अधिक की गिर गए. हालांकि सभी 13 प्रमुख क्षेत्रों में गिरावट आई. सुबह 10:30 बजे, सेंसेक्स 1,023 अंक या 1.3% की गिरावट के साथ 80,266 पर था और निफ्टी 311 अंक या 1.3% की गिरावट के साथ 24,237 पर था. लगभग 740 शेयरों में तेजी आई, 2,493 शेयरों में गिरावट आई और 93 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ.

एशियाई बाजारों में भी हाहाकार

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि डॉलर की मजबूती चिंता का प्रमुख कारण है, क्योंकि इससे आयातित मुद्रास्फीति बढ़ सकती है. सभी एशियाई बाजारों में जोखिम से बचने का ट्रेंड देखा गया. चीन का शंघाई कंपोजिट, जापान का निक्केई 225 और हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 1-2% गिर गया.

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अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती उम्मीद समाप्त

ट्रेजरी यील्ड में इस साल अपनी सबसे बड़ी साप्ताहिक वृद्धि हुई है, जिससे 2025 में अमेरिका में ब्याज दरों में भारी कटौती की उम्मीदों को खत्म कर रही है. इसके अलावा, बीजिंग में एक उच्च स्तरीय बैठक में कर्ज और उपभोग को बढ़ावा देने का वादा किया गया था. इससे चीनी शेयरों गिरावट रही. डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी के साथ नए अमेरिकी व्यापार तनावों को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं.

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Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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