One Nation-One Election: मोदी कैबिनेट ने गुरुवार को वन नेशन-वन इलेक्शन से जुड़े विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दे दी. संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि इस सत्र में यह विधेयक संसद में पेश किया जा सकता है. विधेयक के प्रारूप को मंजूरी मिलने के बाद सियासी बयानबाजियों का दौर भी तेज हो गया है. एनडीए गठबंधन में शामिल दलों ने इसका समर्थन किया है. वहीं, विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने इसे फेडरल स्ट्रक्चर पर हमला बताया है. इस मुद्दे पर चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने भी अपना पक्ष रखा है.
पीके बोले- देश के लिए फायदेमंद
जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने वन नेशन वन इलेक्शन को समर्थन दिया है. उन्होंने कहा, ‘एक देश एक चुनाव देश के लिए फायदेमंद है लेकिन इसे सही नीयत के साथ लागू करना होगा. हर साल देश की करीब एक चौथाई जनता मतदान करती है. इस वजह से सरकार चलाने वाले लोग ज्यादातर समय के लिए चुनाव कराने में व्यस्त रहते हैं. इसलिए अगर इसे एक या दो बार किया जाए तो सरकार भी हमेशा चुनाव मोड में नहीं रहेगी. इससे सरकार और जनता दोनों को फायदा होगा और देश का पैसा भी बचेगा.
पीके ने आगे कहा कि पिछले 50 सालों से चली आ रही चुनाव प्रक्रिया को 1 दिन में नहीं बदला जा सकता. सरकार को सभी पार्टियों को विश्वास में लेके इसे अगले चार से पांच सालों में इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करना होगा. देश की जनता भी धीरे-धीरे इस प्रक्रिया को स्वीकार कर लेगी. इतने बड़े बदलाव को 1 दिन में जमीन पर नहीं उतरा जा सकता.
जदयू सांसद ने भी किया समर्थन
राज्यसभा सांसद संजय झा ने एक देश-एक चुनाव के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा, ‘हम लोग पहले भी इस मुद्दे पर समिति के सामने गए थे और हमारी पार्टी ने यह प्रस्ताव रखा था कि संसद और विधानसभा के चुनाव एक साथ होने चाहिए. पंचायत चुनाव को अलग रखा जा सकता है, लेकिन संसद और विधानसभा का चुनाव एक साथ होने से खर्च में भी कमी आएगी और चुनाव प्रक्रिया भी सरल हो जाएगी. इसके अलावा, एक साथ चुनाव होने से जो भी सरकार चुनी जाएगी, उसे पांच साल तक काम करने का पूरा समय मिलेगा, जिससे स्थिरता बनी रहेगी.’
वन नेशन-वन इलेक्शन से पैसा बचेगा, जीडीपी में ग्रोथ होगी- चिराग पासवान
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, ‘वन नेशन-वन इलेक्शन से पैसा बचेगा, जीडीपी में ग्रोथ होगी. आचार संहिता के कारण कई कार्यों की गति रुक जाती है. कई परियोजनाओं को रोका जाता है. ऐसे में देश को गति देने के लिए ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की जरूरत है. यह फैसला पहले ही हो जाना चाहिए था.
विपक्ष पर निशाना साधते हुए चिराग पासवान ने कहा, ‘उनको हर बात पर ऐतराज होता है. जहां पर जीतते हैं, वहां पर ईवीएम सही रहती है और जहां पर हारते हैं, वहां खराब हो जाती है. इसी तरह चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हैं. सभी को वन नेशन-वन इलेक्शन का स्वागत करना चाहिए.’
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