Jamshedpur news.
झारखंड में कृषि के क्षेत्र में कई सारे प्रयोग किये जा रहे हैं. इस कड़ी में कम पानी में धान की खेती का भी एक प्रयोग किया गया है. हजारीबाग में किये गये इस प्रयोग की सफलता के बाद इसकी पैदावार पूर्वी सिंहभूम जिले में भी करने की कोशिश शुरू की गयी है. नयी प्रजाति के इस धान के बीज यहां तैयार किया गया है. सेंट्रल रेनफेड अपलैंड राइस रिसर्च सेंटर की मदद से ऐसे बीज का वितरण कर कम पानी में भी किस तरह बेहतर पैदावार किया जा सकता है, इसके उपाय किये गये हैं. वैज्ञानिक डॉ विभाष चंद्र वर्मा ने बताया कि लगातार धान की फसलों पर काम किया जा रहा है. अब तक कई प्रजाति के धान के बीज यहां तैयार किये गये हैं. इनके पीछे का मुख्य मकसद है कि किस प्रकार अपलैंड खेतों में बेहतर खेती की जाये. साथ ही केंद्र ऐसे बीज तैयार करता है, जिससे किसान एक बार बो कर फिर उसके फसल को बीज के रूप में इस्तेमाल कर सके. हाल के समय में केंद्र में सीआर धान 320, सीआर धान 804, और सीआर धान 214 प्रजाति के बीच तैयार किये हैं. इसे स्थानीय किसानों ने लगाया भी, जिससे अच्छी पैदावार आयी है.जिला कृषि पदाधिकारी विवेक बिरुआ ने बताया कि बेहतर खेती को लेकर केंद्र सरकार के प्रयोग को जिले में भी लागू किया जा रहा है. इस कड़ी में नये प्रयोग किये जा रहे हैं. केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से इसका काम कराया जा रहा है. इसका बेहतर लाभ होता है. कृषि विभाग इसमें हर संभव सहायता करता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है