कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एक जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले में गिरफ्तार मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाना के पूर्व ओसी अभिजीत मंडल की गिरफ्तारी के 90 दिनों बाद भी उनके खिलाफ सीबीआइ सप्लीमेंटरी चार्जशीट पेश करने में विफल रही, जिसके बाद दोनों को सियालदह कोर्ट ने जमानत दे दी. शुक्रवार को अदालत में मामले की सुनवाई की शुरुआत में ही आरोपियों को लेकर सीबीआइ का रुख नरम रहा. इस दिन मामले में घोष और मंडल की गिरफ्तारी के 90 दिनों के बाद उनके खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी को सप्लीमेंटरी चार्जशीट दायर करना अहम था. सुनवाई में देखा गया कि सीबीआइ दोनों आरोपियों को हिरासत में नहीं लेना चाहती थी. उसी वक्त जमानत की संभावना प्रबल हो गयी थी. सीबीआइ ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किये गये घोष और मंडल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की समय सीमा समाप्त हो गयी है. वे सप्लीमेंटरी चार्जशीट नहीं दे रहे हैं. इसलिए सीबीआइ के वकील ने कोर्ट से कानून के मुताबिक जरूरी फैसला लेने को कहा. इसके बाद आरोपी के वकील ने सवाल उठाया और कहा कि उनके मुवक्किल 90 दिनों से ज्यादा समय से हिरासत में हैं. इसलिए उन्हें जमानत दी जाये. सीबीआइ के जांच अधिकारी (आइओ) ने कहा कि इस मामले की जांच जारी है. इसलिए सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल करना अभी संभव नहीं है. इसके बाद ही न्यायाधीश दोनों ही आरोपियों को सशर्त जमानत दे दी. मंडल के वकील मोहम्मद साजिद ने कहा कि “मेरे मुवक्किल के खिलाफ अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है. गिरफ्तारी के 90 दिनों बाद भी सीबीआइ चार्जशीट जमा नहीं कर पायी.
सीबीआइ ने बार-बार कहा है कि जांच अभी भी जारी है. इसका मतलब है कि मेरे मुवक्किल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. ऐसे में न्यायाधीश ने जमानत का आवेदन स्वीकार कर लिया.” गौरतलब है कि उक्त मामले में गिरफ्तार सिविक वॉलंटियर व मुख्य आरोपी संजय राय के खिलाफ सीबीआइ अदालत में पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.
क्या है मामला : गत नौ अगस्त की सुबह को आरजी कर अस्पताल के इमरजेंसी बिल्डिंग के सेमिनार हॉल से जूनियर महिला चिकित्सक का शव मिला था. पहले मामले की जांच कर रही कोलकाता पुलिस ने एक सिविक वॉलंटियर संजय राय को गिरफ्तार किया. बाद में मामले की जांच अदालत के निर्देश पर सीबीआई करने लगी.
मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष को हॉस्पिटल से जुड़े वित्तीय अनियमितता के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया. इसके बाद जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या की घटना में सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में सीबीआइ ने 14 सितंबर को टाला थाना के तत्कालीन ओसी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया. उसी दिन पहले से गिरफ्तार संदीप घोष को मामले में शोन अरेस्ट किया गया. अदालत में पिछली सुनवाई में सीबीआई दावा कर चुकी थी कि जिस दिन शव बरामद हुआ था, उस दिन संदीप और अभिजीत ने कई बार फोन पर बात की थी. उनके फोन से कुछ ””””संदिग्ध”””” तथ्य मिले. जांच एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया था कि घटना को दबाने के लिए गिरफ्तार गये दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन से कई फोन कॉल भी किये गये थे.
हालांकि, शुक्रवार को अदालत में हुई सुनवाई में सीबीआइ की पिछली दलीलें धरी की धरी रह गयीं. दोनों ही आरोपियों की गिरफ्तारी के 90 दिनों के बाद सीबीआइ ने कोर्ट से कहा कि वह दुष्कर्म और हत्या के मामले में सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल नहीं कर पायेगी. इसके तुरंत बाद इस मामले में संदीप और अभिजीत को जमानत मिल गयी.
कोलकाता. आरजी कर में एक जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या के मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने व प्राथमिकी देर से दर्ज किये जाने के आरोप में गिरफ्तार हुए टाला थाना के पूर्व ओसी अभिजीत मंडल को शुक्रवार को सियालदह कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद रिहा कर दिया गया. जमानत मिलने के बाद अदालत से बाहर निकलने के दौरान उनकी आंखों से आंसू छलके. अदालत के बाहर मंडल की पत्नी और उनके सहकर्मी इंतजार कर रहे थे. हालांकि. उन्होंने पत्रकारों से बात नहीं की और अपने वकील की कार में बैठकर वहां से चले गये.
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