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Bhubaneswar News: दोषियों को सजा दिलाने में वैज्ञानिक और पेशेवर ज्ञान-कौशल का इस्तेमाल करे पुलिस : वाइबी खुरानिया

Bhubaneswar News: कटक स्थित रिजर्व पुलिस ग्राउंड परिसर में 69वीं प्रोफेशनल प्रतियोगिता शुरू हुई है. इसमें कुल 313 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं.

Bhubaneswar News: राज्य पुलिस बल में कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर स्तर तक के कर्मियों की प्रोफेशनल दक्षता बढ़ाने के लिए कटक स्थित रिजर्व पुलिस ग्राउंड परिसर में 69वीं प्रोफेशनल प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ. आज सुबह राज्य के पुलिस महानिदेशक योगेश बहादुर खुरानिया ने इस प्रतियोगिता का औपचारिक उद्घाटन किया. इस प्रतियोगिता में राज्य के 34 पुलिस जिलों से 313 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इनमें 41 इंस्पेक्टर, 44 एसआइ, 63 एएसआइ, 142 कांस्टेबल और 23 पुलिस डॉग (के-9) शामिल हैं. इस अवसर पर डीजीपी श्री खुरानिया ने अपने संबोधन में कहा कि सत्य और न्याय की परिभाषा पुलिस से ही शुरू होती है, और न्याय प्रदान करने का मूल आधार पुलिस होती है. अपराध नियंत्रण और अपराध अनुसंधान पुलिस की मुख्य जिम्मेदारियां हैं. दोषियों को उपयुक्त दंड दिलाने में पुलिस की प्रमुख भूमिका होती है.

जांच सटीक नहीं होने पर दोषियों के बच निकलने की संभावना अधिक

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि यदि पुलिस की जांच सटीक नहीं होती है, तो दोषी के बच निकलने की संभावना अधिक होती है. इसलिए वैज्ञानिक और प्रोफेशनल ज्ञान-कौशल के उपयोग के जरिये दोषियों को सजा दिलाने की दर में सुधार पर उन्होंने जोर दिया. देश में लागू हुई नयी भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता पुलिस अधिकारियों की प्रोफेशनल जानकारी और दक्षता बढ़ाने के साथ-साथ वैज्ञानिक और प्रोफेशनल कौशल के माध्यम से त्वरित न्याय प्रदान करने पर भी बल देती है. डीजीपी ने इन पर गहन ध्यान देने की आवश्यकता बतायी.

अपराध की शीघ्र जांच कर दोषियों को दंडित करना होनी चाहिए प्राथमिकता

डीजीपी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में अपराध की परिभाषा बदल चुकी है. साइबर अपराध, सोशल मीडिया अपराध, बैंक धोखाधड़ी और महिलाओं पर अत्याचार जैसे मामलों की शीघ्र जांच कर दोषियों को दंडित करना हमारी प्राथमिकता और कर्तव्य होना चाहिए. आने वाले दिनों में पुलिस की प्रोफेशनल दक्षता, फॉरेंसिक जांच और साइबर अपराध में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए विशेष लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं. शरीर पर कैमरों का उपयोग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सर्विलांस सिस्टम और डिजिटल क्राइम रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म सहित आधुनिक तकनीकों के प्रयोग से ओडिशा में पुलिस व्यवस्था में सुधार आया है. इस प्रगति ने हमारी कार्यशैली को अधिक दक्ष, पारदर्शी और जनता की जरूरतों के प्रति जवाबदेह बना दिया है. केवल राज्य स्तर पर सफलता हासिल करना पर्याप्त नहीं है. हमें अखिल भारतीय प्रोफेशनल प्रतियोगिताओं में सफलता प्राप्त कर ओडिशा पुलिस को गौरवान्वित करना चाहिए.

फिंगर प्रिंट, कंप्यूटर ज्ञान कौशल, फोटोग्राफी, निरीक्षण परीक्षा होगी

तीन दिन तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में फिंगर प्रिंट, कंप्यूटर ज्ञान कौशल, फोटोग्राफी, निरीक्षण परीक्षा, साइबर अपराध और निगरानी, पुलिस कानून, पुलिस स्केच, मेडिको-लीगल और पुलिस डॉग कौशल प्रदर्शन जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेंगी. राज्य अपराध अनुसंधान शाखा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विनयतोष मिश्रा के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण में इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. इस अवसर पर श्री मिश्रा ने स्वागत भाषण दिया, जबकि आइजी सैफिन अहमद के ने धन्यवाद ज्ञापन किया. उद्घाटन समारोह में राज्य पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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