गुमला.
व्यवहार न्यायालय गुमला में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत लगी. इसमें 26977 वादों का निबटारा किया गया और 16 करोड़, सात लाख 7388 रुपये राजस्व प्राप्त हुआ. इससे पहले उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सह कार्यकारी अध्यक्ष झालसा सुजीत नारायण प्रसाद ने राष्ट्रीय लोक अदालत, 1030 नये लीगल एड क्लीनिक तथा 90 दिन का जागरूकता अभियान का ऑनलाइन उद्घाटन किया गया. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ध्रुव चंद्र मिश्र ने कहा कि लोक अदालत मामलों को सुलझाने का त्वरित तथा सबसे सस्ता प्लेटफॉर्म है, जहां विवाद दोनों पक्षों की सहमति से समाप्त होता है. लोक अदालत से समाप्त मामलों की अपील भी नहीं होती है. उन्होंने लोगों से इस फोरम का उपयोग अपने मामलों के त्वरित निबटारा करने का आग्रह किया, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में लगने वाले समय की बचत हो सके. एडीजे प्रथम प्रेम शंकर ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में अपने मामलों का निबटारा कर खुशी-खुशी अपने घर जायें. पुराने तरह के वाद व नये तरह के वाद को निबटाने के लिए उच्चतम न्यायालय से लेकर सिविल कोर्ट तक राष्ट्रीय लोक अदालत आज सभी जगह लगायी जा रही है. एडीजे तृतीय भूपेश कुमार ने कहा कि लोक अदालत में किसी प्रकार का शुल्क नहीं लगता है. दोनों पक्षों की सहमति से मामले का निष्पादन कर दिया जाता है. मौके पर लाभुकों को मोटर वाहन दुर्घटना मुआवजा राशि का चेक प्रदान किया गया, जिसमें सुमित्रा देवी को 52,67, 322 रुपये, जया केसरी को 39,77,898 रुपये, पीटर लकड़ा को 14, 84,457 रुपये, कलावती देवी को 13,90000 रुपये, जीरा देवी को एक लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया. वहीं कुटुंब न्यायालय में दो मामलों में पारिवारिक कलह को समझौता द्वारा दूर किया गया. मौके पर अवर न्यायाधीश सह डालसा सचिव रामकुमार लाल गुप्ता, बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्रवण साहू, स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष डीके पाठक, सीजीएम मनोरंजन कुमार, एसीजेएम पार्थ सारथी घोष, शंभू सिंह, केडीएन ओहदार, बुंदेश्वर गोप, विद्या निधि शर्मा, इंदु पांडे, जितेंद्र सिंह, प्रकाश कुमार, आशा, मनीष कुमार, बैंकों के पदाधिकारी समेत अन्य विभाग से संबंधित पदाधिकारी व आमजन मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है