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Bokaro News : सीसीएल के तीनों एरिया का चक्का जाम करने की चेतावनी

Bokaro News : विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति ने छह जनवरी 2025 से सीसीएल के बीएंडके, ढोरी और कथारा एरिया का चक्का जाम किया जायेगा.

बेरमो. विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति ने सीसीएल के बीएंडके, ढोरी और कथारा एरिया के महाप्रबंधकों को अल्टीमेटम दिया है कि 31 दिसंबर तक विस्थापितों की मांगें पूरी नहीं हुई तो छह जनवरी 2025 से तीनों एरिया का बेमियादी चक्का जाम किया जायेगा. तीनों एरिया के महाप्रबंधक कार्यालयों को इस संबंध में पत्र प्रेषित किया गया है. समिति के अध्यक्ष लखनलाल महतो, महासचिव काशीनाथ केवट व कार्यकारी अध्यक्ष बिनोद महतो और काशीनाथ सिंह के हस्ताक्षर से जारी इस पत्र की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री, केंद्रीय कोयला मंत्री, झारखंड के मुख्यमंत्री, कोल इंडिया के चेयरमैन, सीसीएल सीएमडी, बोकारो डीसी, एसपी समेत कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को प्रेषित की गयी है. पत्र में कहा है कि सीसीएल प्रबंधन विस्थापितों की समस्याओं के निराकरण में उदासीन है. छल, प्रपंच कर उनकी पुश्तैनी जमीन छीन ली गयी और उन्हें कंगाल बना दिया गया है. ज्वलंत उदाहरण है कि कारो गांव की कामिनी देवी का है. उनके मकान को प्रबंधन ने तोड़ कर उन्हें बेघर कर दिया है. इसी प्रकार अन्य विस्थापितों के घरों को भी प्रबंधन ने तोड़ दिया. वादा किया था कि नौकरी और मकान का पैसा देंगे. लेकिन अब प्रबंधन नौकरी देने में अड़ंगेबाजी कर रहा है. इससे विस्थापितों में आक्रोश है. समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि 28 दिसंबर को करगली में विशाल सेमिनार कर विस्थापितों से करो या मरो के आंदोलन में कूदने का आह्वान किया जायेगा.

क्या हैं मांगें

19 फरवरी 2024 सीसीएल मुख्यालय, 15 फरवरी 2024 को ढोरी एरिया, 21 फरवरी 2022 को सीसीएल मुख्यालय व बीएंडके, कथारा एरिया में प्रबंधन और समिति की हुई वार्ताओं के निर्णयों को अभी तक लागू नहीं करने पर जवाब देते हुए, इसे लागू करे. डीआरएंडआरडी प्रोजेक्ट को अविलंब चालू किया जाये. जारंगडीह कोलियरी में लगभग 300 एकड़ खतियानी जमीन रैयतों को बगैर मुआवजा नौकरी दिये कब्जा कर कोलियरी चलायी जा रही है, सभी को नौकरी, मुआवजा व पुनर्वास दिया जाये. कोल इंडिया लिमिटेड की स्थापना के पूर्व अधिग्रहीत की गयी जमीन का मुआवजा आरएफसीटी एल आरआर एक्ट 2013 के अनुसार दिया जाये. सीएसआर मद की शत प्रतिशत राशि विस्थापित-प्रभावित गांवों के विकास में खर्च हो. विस्थापित गांवों में सीसीएल की बिजली पहुंचायी जाये. विस्थापित गांवों में शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल, रोड आदि सुविधाएं मुहैया करायी जाये. बेरोजगारों को प्रशिक्षित कर स्वावलंबी बनाया जाये. सभी तरह की बहालियों में विस्थापितों का कोटा आरक्षित किया जाये तथा निविदाओं में कोटा निर्धारित किया जाये. प्रभावित रैयतों को नौकरी व मुआवजा देकर पिछरी कोलियरी चालू की जाये. बंद अंगवाली कोलियरी को चालू किया जाये. आउटसोर्स में विस्थापित बेरोजगारों को शत-प्रतिशत रोजगार दिया जाये. पीएलसी कोयला में 50% विस्थापितों को आवंटित किया जाये. सभी विस्थापितों को पेप कार्ड और मेडिकल कार्ड समय सीमा के भीतर निर्गत किया जाये. रेलवे रैक में मैनुअल लोडिंग हो. रेलवे रैक के माध्यम से हो रहे कोयला की हेराफेरी और घपले पर रोक लगे.

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