Bhubaneswar News: बीजू जनता दल (बीजद) के वरिष्ठ नेता प्रसन्न आचार्य ने शनिवार को कहा कि ट्रिपल इंजन सरकार (केंद्र, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भाजपा की सरकार) को महानदी संकट का समाधान करना चाहिए. इस पर प्रतिक्रिया में राज्य के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने पूर्व की नवीन सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने साथ ही महानदी जल संकट के लिए पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को जिम्मेदार ठहराया. भुवनेश्वर में पत्रकारों से बात करते हुए आचार्य ने कहा कि बीजद ने महानदी से जुड़े गंभीर मुद्दों को हल करने के लिए ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर महानदी अभियान शुरू किया था. हालांकि, जो कभी ओडिशा के लिए जीवनरेखा थी, वह अब कुछ क्षेत्रों में मरुस्थल में बदल चुकी है. स्थिति चिंताजनक है, और महानदी के भविष्य पर गंभीर जल संकट का खतरा मंडरा रहा है, जो पर्यावरण और आजीविका दोनों को प्रभावित कर सकता है.
ओडिशा में जल संकट से गंभीर आर्थिक और सामाजिक चुनौतियां पैदा होंगी
प्रसन्न आचार्य ने महानदी नदी को लेकर लंबे समय से चले आ रहे विवाद के समाधान में प्रगति नहीं होने पर गहरी चिंता व्यक्त की. केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार के साथ कई बार चर्चा के बावजूद, अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है. आचार्य ने कहा कि ट्रिपल इंजन सरकार से इस मुद्दे को तेजी से सुलझाने की उम्मीद की जाती है, लेकिन महानदी की स्थिति को लेकर अब तक कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में ट्रिब्यूनल अध्यक्ष के बदलाव ने चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि इसका मतलब है कि सुनवाई फिर से शुरू करनी होगी. आचार्य ने आशंका जतायी कि जब तक कोई समाधान निकलेगा, तब तक महानदी पूरी तरह सूख सकती है. उन्होंने सरकार से तुरंत कार्रवाई करने का आह्वान किया, ताकि स्थिति और खराब न हो. उन्होंने कहा कि ओडिशा में जल संकट के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जो कृषि को प्रभावित करेंगे और गंभीर आर्थिक और सामाजिक चुनौतियां पैदा करेंगे.
महानदी संकट के लिए नवीन पटनायक जिम्मेदार : पृथ्वीराज हरिचंदन
ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने महानदी के संकट के लिए पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को जिम्मेदार ठहराया है. हरिचंदन ने कहा कि महानदी के मुद्दे को जिस तरह से संभाला गया, वह नवीन पटनायक की असफलता का परिणाम है. उन्होंने कहा कि महानदी संकट के लिए अकेले नवीन पटनायक जिम्मेदार हैं. उन्होंने मध्यस्थता को नकारते हुए नाटकीय रूप से मुद्दे को बढ़ावा दिया, जो राजनीतिक दृष्टिकोण से गलत है. राज्य के हितों को उन्होंने जानबूझकर नजरअंदाज किया. हरिचंदन ने कहा कि जब समस्या जटिल हो चुकी है, तब बीजद अब पिछले मुद्दों को उठाकर अपनी विफलताओं को छिपाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने बीजद सरकार पर पिछले मामलों, जैसे वंशधारा ट्रिब्यूनल में, लापरवाही का आरोप लगाया. हरिचंदन ने बीजद से अनावश्यक आलोचना और राजनीतिक विवाद पैदा करने से बचने की अपील की. कहा कि हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि महानदी के मुद्दे को सही तरीके से सुलझाया जाये.
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण की अध्यक्ष नियुक्त
उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी को महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण की अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. गजट अधिसूचना के अनुसार यह नियुक्ति न्यायमूर्ति एएम खानविलकर के इस्तीफे के बाद की गयी है. भारत के प्रधान न्यायाधीश ने अंतर-राज्यीय नदी जल विवाद अधिनियम की धारा 5ए के तहत न्यायमूर्ति त्रिवेदी को इस पद के लिए नामित किया. न्यायमूर्ति त्रिवेदी की नियुक्ति से ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच लंबे समय से जारी महानदी जल विवाद पर विचार-विमर्श में तेजी आने की उम्मीद है. न्यायाधिकरण का गठन शुरू में नदी के पानी के आवंटन पर मतभेदों को दूर करने के लिए किया गया था.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है