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झारखंड की ‘मंईयां सम्मान’ योजना की तर्ज पर बिहार में तेजस्वी क्यों कर रहे ‘माई-बहिन मान’ की चर्चा

Bihar Politics चुनाव के दौरान आधी आबादी को साधने की सबसे पहली कोशिश मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने की थी. इसकी बदौलत ही वहां भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला. इसके बाद छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना का असर दिखा.

Bihar Politics: झारखंड की मंईयां सम्मान योजना की तर्ज पर बिहार में तेजस्वी यदाव ‘माई-बहिन मान‘ योजना की बात कर रहे हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि 2025 में बिहार में अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो बिहार की महिलाओं को भी 2500 रुपया दिया जायेगा. हाल ही में हुए तीन राज्यों में चुनाव में झारखंड की मंईयां सम्मान योजन, महाराष्ट्र की लड़की बहिन योजना (Ladki Bahin Yojana) और मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना (ladli behna yojana) इन राज्यों के चुनाव में जीत- हार का एक बड़ा कारण बना. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि तेजस्वी यादव इसी वजह से बिहार विधान सभा चुनाव से पहले इस बात की चर्चा कर रहे हैं.

महिला वोटरों को साधने की तैयारी

इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शीघ्र ही बिहार में महिला संवाद यात्रा पर निकलने वाले हैं. तेजस्वी यादव को यह पता था कि बिहार में जब लालू राबड़ी की सरकार थी प्रदेश में अपराधियों का बोलबाला था. मुख्यमंत्री लालू राज की चर्चा कर महिलाओं को अपने अपने पक्ष में गोलबंद कर सकते हैं. महिला वोटरों ने तीन राज्यों में जीत हार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर चुकी हैं. सीएम नीतीश कुमार इसको ध्यान में रख कर अपनी इस यात्रा को शुरु किया है.

‘माई-बहिन मान’ योजना

ऐसी संभवाना है कि सीएम महिलाओं को लेकर अपने संवाद यात्रा के दौरान कुछ बड़ी घोषणा कर सकते हैं. इसकी भनक लगने पर तेजस्वी यादव ने बिहार में सीएम के महिला संवाद यात्रा से पहले ‘माई-बहिन मान’ योजना पर दांव खेला है. आरजेडी सूत्रों का कहना है कि इसकी तैयारी काफी पहले से चल रही थी. इसी रणनीति के तहत लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार के महिला संवाद यात्रा पर कहा था कि वे आंख सेंकने जा रहे हैं.

आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी दिल्ली चुनाव से पहले महिला वोटरों को साधने के लिए यह दांव खेला है. उन्होंने वादा किया है कि दिल्ली में एक बार फिर आप की सरकार बनी तो महिलाओं को 2100 रु. प्रति माह दिए जाएंगे. अभी दिल्ली में महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपया दिया जाता है.

दरअसल, चुनाव के दौरान आधी आबादी को साधने की सबसे पहली कोशिश मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने की थी. इसकी बदौलत ही वहां भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला. इसके बाद छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना का असर दिखा. अभी महाराष्ट्र में लड़की बहिन योजना का असर दिख चुका है. भाजपा के इस फॉर्मेट को सबसे पहले हेमंत सोरेन ने झारखंड में एडॉप्ट किया, उन्हें चुनाव में इसका जबरदस्त फायदा मिला. अब बिहार में भी इसपर आरजेडी आगे बढ़ गई है.

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