जलालगढ़. कृषि विज्ञान केंद्र में कौशल विकास मिशन के तहत वर्मी कम्पोस्ट उत्पादक विषय के दूसरे बैच का प्रशिक्षण पूर्वार्जित ज्ञान प्रमाणन आरपीएल का आरंभ किया गया. प्रशिक्षण में कुल 30 युवक एवं युवतियां शामिल हैं. कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ केएम सिंह ने प्रशिक्षुओं को स्वरोजगार को अपनाने के लिए प्रेरित किया. वहीं वर्मीकम्पोस्ट प्रोडक्शन तकनीक से केंचुआ खाद, केंचुआ एवं वर्मीवाश का उत्पादन किया जा सकता है. इसे खेती में प्रयोग के साथ उक्त सामान की बिक्री कर आमदनी भी प्राप्त कर सकते हैं. मौके पर मृदा वैज्ञानिक डॉ रश्मि प्रियदर्शी ने प्रशिक्षु को केंचुआ खाद में उपलब्ध पोषक तत्व की जानकारी देते हुए उसका कृषि में महत्व की विस्तृत जानकारी दी. बताया कि इसका उपयोग सब्जियों की खेती में बहुत लाभदायक है. मौके पर डॉ विश्वकर्मा ने भी केंचुआ खाद तैयार करने की विधि बतायी. मौके पर डॉ राबिया परवीन, डॉ संगीता मेहता भी मौजूद थे. फोटो. 15 पूर्णिया 16-प्रशिक्षण सत्र का उदघाटन करते कृषि वैज्ञानिक व महिला कृषक
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