आरा.
जिले में ठंड काफी बढ़ गयी है. ठंड के कारण कुछ फसलों पर बुरा प्रभाव भी पड़ने लगा है. कई फसल ज्यादा ठंड नहीं सहन कर पाते हैं. सबसे ज्यादा नुकसान आलू व मटर की फसल को होता है. ठंड से जिले में आलू और मटर की फसलों को क्षति पहुंच रही है. इससे किसानों की चिंता बढ़ गयी है. पाला पड़ने के आसार नजर आ रहे हैं. फसलों को क्षति पहुंचने से किसानों को काफी आर्थिक क्षति उठानी पड़ेगी. कई जगह आलू के फसल में झूलसा रोग लग चुका है. इससे आलू की फसल काफी खराब हो चुके हैं. किसानों की उम्मीद पर पानी फिर रहा है.जिलेभर में 2000 हेक्टेयर में होती है आलू की खेती
: जिले भर में 2000 हेक्टेयर में किसान आलू की खेती करते हैं. इससे किसान अपने घर के लिए आलू के खर्च के बाद आलू को बाजार में भेज देते हैं. इससे उन्हें लाभ ही होता है. वहीं, जब ठंड व पाला से आलू की खेती को क्षति पहुंचती है, तो किसानों को काफी आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ती है.3000 हेक्टेयर में होती है मटर की खेती :
जिले में 3000 हेक्टेयर में मटर की खेती होती है. इससे किसानों को काफी आमदनी होती है, पर ठंड के कारण मटर के फसल पोस्ट नहीं हो पा रहे हैं. उनमें भी झुलसा रोग लग रहा है. इससे किसानों को काफी चिंता बढ़ गयी है. दाने भी सही नहीं हो रहे हैं. कृषि वैज्ञानिक बोलेकृषि वैज्ञानिक व कृषि विज्ञान केंद्र के हेड डॉ पीके द्विवेदी ने बताया कि ठंड से बचने के लिए किसानों को नियमित सिंचाई करते रहनी चाहिए. सिंचाई करते रहने से पाला का असर नहीं हो पता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है