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सर्वस्ता खतियान संशय बरकार, टोपो लैण्ड के सर्वे का भी विभागीय आदेश इंतजार

जिस भूमि का सर्वेक्षण नहीं हुआ था, उसे टोपो भूमि कहा जाता है.

जिले में 20 हजार एकड़ से अधिक भूमि के सर्वे पर लगी है रोक , किसान हैं परेशान. गोगरी, अलौली, बेलदौर, खगड़िया एवं परबत्ता प्रखण्ड के कई राजस्व ग्राम में रोका गया सर्वेक्षण. खगड़िया. टोपो भूमि तथा सर्वस्ता खतियान के आधार पर हो रहे भू- सर्वेक्षण पर रोक जारी है. टोपो भूमि के सर्वे पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा कुछ महीने पहले रोक लगाई गई थी. जो अभी भी बरकार है. जानकारी के मुताबिक टोपो भूमि को लेकर फिलहाल विभागीय स्तर पर कोई निर्णय नहीं लिये जाने के कारण रैयतों/भू-धारीयों में संसय की स्थिति बनी हुई है. टोपो भूमि के सर्वेक्षण की जानकारी को लेकर रैयत शिविर कार्यालय से लेकर जिला कार्यालय तक का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन यहां इन्हें सिर्फ यही जानकारी मिल पा रही है कि विभागीय आदेश से टोपो भूमि के सर्वे पर रोक है. लेकिन कब तक टोपो भूमि का सर्वे शुरु होगा यह सूचना किसी के पास नहीं है. खगड़िया एवं परबत्ता में है टोपो भूमि. जानकारी के मुताबिक खगड़िया एवं परबत्ता प्रखण्ड में करीब 81 हजार एकड़ टोपो लैण्ड है. जिसका सर्वेक्षण विभागीय आदेश के बाद कुछ महीने पहले रोका गया था. खगड़िया अंचल के रहीमपुर मौजा में करीब 4 हजार टोपो भूमि है. जबकि परबत्ता अंचल स्थित माधवपुर गंगा बरार, टीमापुर लगार, पटपर जोराबरपुर, पटपर तेमथा 384, पटपर तेमथा 384/1, पटपर दरियापुर, दरियापुर, माधवपुर इंग्लिश, तेमथा करारी एवं तेमथा करारी पटपर राजस्व ग्राम में 41 सौ एकड़ टोपो भूमि है. जानकार बताते हैं कि 1902 में खगड़िया ( तब जिला मुंगेर हुआ करता था) में जमीन का सर्वेक्षण हुआ था. उस दौरान जिस भूमि का सर्वेक्षण नहीं हुआ था, उसे टोपो भूमि कहा जाता है. इस जिले में रहीमपुर तथा परबत्ता अंचल के उक्त सभी 10 राजस्व ग्राम में स्थित है. इस भूमि का कई दसकों भू- धारी जोत- आबाद कर रहे हैं. सर्वस्ता खतियान पर संशय बरकरार. तत्कालीन जमीनदारों द्वारा तैयार किये गए सर्वस्ता खतियान पर संसय अभी भी बरकरार है. वहीं सर्वस्ता खतियान के आधार पर हो रहे जमीन सर्वेक्षण पर लगने से बेलदौर अलौली एवं गोगरी प्रखण्ड के हजारों किसान परेशान हैं. इन तीनों अंचलों के 14 राजस्व ग्राम में पड़ने वाले हजारों एकड़ भूमि के सर्वे पर रोक तत्काल रोक लगाई गई है. इन सभी राजस्व ग्राम में सर्वस्ता खतियान पर हो रहे सर्वे को लेकर विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया है. बताया जाता है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद ही इन राजस्व ग्राम में अब दोबारा जमीन सर्वेक्षण का कार्य शुरु होगा. जानकारी के मुताबिक अलौली अंचल के दो, गोगरी अंचल के तीन तथा बेलदौर अंचल के नौ सहित कुल 14 राजस्व ग्राम में जमीन सर्वे पर तत्काल रोक लगाई गई है. इन राजस्व ग्राम के किसानों में भी सर्वे रुकने से मायूसी छाई हुई है. सर्वस्ता खतियान के प्रमाणिकता पर उठते रहे हैं सवाल.. सर्वस्ता खतियान तथा नक्शा के प्रमाणिकता पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं. जानकार बताते हैं कि कानूनी तौर पर सर्वस्ता खतियान व नक्शा का मान्यता नहीं है. राजस्व न्यायालयों में सर्वस्ता खतियान व नक्शा को तबज्जो नहीं दी जाती रही है. साल 1902 यानि अंग्रेज शासनकाल में बने खतियान एवं नक्शा पर भू- सर्वे के लिये अधिकृत पदाधिकारी का हस्ताक्षर है, जबकि छूटे हुए राजस्व मौजा में तत्कालीन जमीनदारों द्वारा बनबाए/ तैयार कराए गए सर्वस्ता खतियान व नवशा पर सक्षम/ अधिकृत किसी पदाधिकारी ( डीएम या फिर बंदोबस्त पदाधिकारी ) का हस्ताक्षर नहीं है. जानकार बताते हैं कि जल जमाव क्षेत्र होने के कारण तब (1902) कई मौजा में जमीन का सर्वे नहीं हो पाया था. लेकिन किसानों से लगान प्राप्ति के लिये पूर्व के जमींनदारों ने अपने संसाधनों के जरीये सर्वस्ता खतियान तैयार कराया था. बताया जाता है कि इस खतियान पर तत्कालीन सक्षम अधिकारी का हस्ताक्षर अंकित नहीं है . कहां-कहां रोका गया जमीन का सर्वे. अंचल मौजा अलौली- चेराखेरा, मोहनपुर. गोगरी- राजधान करारी, हर प्रसाद, बोरना. बेलदौर- गेन्धारसन, मुरास, पचरासी, रोहियामा, गवास, बलैठा, दहरौजा, बेला नौवाद तथा दिघौन.

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